मेरठ में वायु प्रदूषण की रोकथाम को नगर निगम की कवायद, दो नए वाटर स्प्रिंकलर वाहन खरीदे

मेरठ नगर निगम ने वाटर स्प्रिंकलर वाहनों की खरीद की है। एक वाहन की कीमत लगभग 24.72 लाख रुपये है। तीन वाहनों की जरूरत है अभी दो ही खरीदे गए है। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल ङ्क्षसह ने बताया कि ये वाटर स्प्रिंकलर वाहन अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हैं।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 07:01 AM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 07:01 AM (IST)
मेरठ में वायु प्रदूषण की रोकथाम को नगर निगम की कवायद, दो नए वाटर स्प्रिंकलर वाहन खरीदे
मेरठ में नए वाटर स्प्रिंकलर वाहन से पानी का होता छिड़काव।

मेरठ, जागरण संवाददाता। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए नगर निगम ने दो वाटर स्प्रिंकलर वाहनों की खरीदी कर ली है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के मद्देनजर गुरुवार को दोनों वाटर स्प्रिंकलर वाहनों से शहर की प्रमुख सड़कों पर छिड़काव शुरू करा दिया गया।

अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हैं वाटर स्प्रिंकलर

नगर निगम ने टेंडर के जरिए इन वाटर स्प्रिंकलर वाहनों की खरीद की है। एक वाहन की कीमत लगभग 24.72 लाख रुपये है। तीन वाहनों की जरूरत है अभी दो ही खरीदे गए है। सहायक नगर आयुक्त ब्रजपाल सिंह ने बताया कि ये वाटर स्प्रिंकलर वाहन अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित हैं। एक बार में टैंक में 6000 लीटर पानी भरा जा सकता है। पानी की बौछार फव्वारे में छोड़ेगा। इसकी रेंज लगभग 15 मीटर ऊंचाई तक है। वाहन में ऐसा स्प्रिंकलर है जिससे चारों तरफ पानी का छिड़काव किया जा सकता है। नगर आयुक्त मनीष बंसल के निर्देश पर एनएच-58, तेजगढ़ी चौराहे से यूनिवर्सिटी रोड, शास्त्रीनगर एल ब्लाक की सड़क पर पानी का छिड़काव कराया गया।

इस साल भी नहीं शुरू हो पाएगा 220 एमएलडी एसटीपी का निर्माण

मेरठ। सीवरेज नेटवर्क का सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट 220 एमएलडी एसटीपी का निर्माण इस साल भी शुरू नहीं हो पाएगा। ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि टेंडर प्रक्रिया में हो रही लेटलतीफी बयां कर रही है। दरअसल, एक बार फिर टेंडर की तारीख बढ़ गई है। अब टेंडर 22 नवंबर को खुलेगा। तकनीकी बिड के बाद फाइनेंशियल बिड और फिर दस्तावेज व कंपनियों के प्रस्तावों के अध्ययन में कम से कम एक माह का समय लगना तय है।

शहर में जल निगम का एक 72 एमएलडी एसटीपी और एमडीए के 12 छोटे एसटीपी मौजूद हैं। जिनकी कुल सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता लगभग 179 एमएलडी है। जबकि शहर में प्रतिदिन 300 एमएलडी सीवेज उत्सर्जित होता है। जरूरत को देखते हुए वर्ष 2019 में केंद्र सरकार ने 220 एमएलडी एसटीपी निर्माण कराने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के निर्देश पर मेरठ जल निगम नागर इकाई ने टेंडर निकाले थे। लेकिन किसी फर्म ने प्रतिभाग नहीं किया। इसके बाद प्रोजेक्ट का प्रस्ताव संशोधित किया गया। जिसे मई 2020 में स्वीकृति मिली। इसके बाद विश्व बैंक की प्रक्रिया चलती रही। एक सितंबर 2021 को दोबारा टेंडर निकालने की अनुमति जल निगम की नागर इकाई को मिली। पहले टेंडर 18 अक्टूबर को खुलना था। फिर 29 अक्टबूर तिथि की गई। अब फिर से टेंडर खुलने की तिथि 22 नवबंर कर दी गई है। यही नहीं, यह प्रोजेक्ट जल निगम नागर इकाई से जलनिगम ग्रामीण डिवीजन प्रथम को स्थानांतरित कर दिया गया है। जलनिगम ग्रामीण डिवीजन प्रथम के अधिकारियों का कहना है कि प्री बिड में प्रतिभाग करने वाली कंपनियों ने कई जानकारी चाही हैं। जो विश्व बैंक और नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के कार्यालय से जुड़ी हैं। जिन्हें देने में वक्त लग रहा है। इसलिए टेंडर की तारीख फिर बढ़ाई गई है। मालूम हो कि 220 एमएलडी एसटीपी का निर्माण कमालपुर में होना है। आबूनाला-दो और ओडियन नाला इससे जोड़ा जाना है। यह प्रोजेक्ट काली नदी में सीधे सीवेज बहाने से रोकने के लिए है।

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