मेरठ में नगर निगम के मुंह फेरने पर खुद सफाई करने नाले में उतर गए मनोज
मेरठ में नाले की सिल्ट की सफाई नहीं हुई है। जिससे नाले में कई फीट सिल्ट व कचरा जमा हो गया है। इससे नाले का जलस्तर मकानों की सतह से ऊंचा हो गया है। इससे मकान की दीवारों में सीलन है। गंदा पानी घरों के अंदर प्रवेश कर रहा है।
जागरण संवाददाता, मेरठ: कई बार सिल्ट सफाई की मांग पर जब नगर निगम ने मुंह फेर लिया तो हनुमानपुरी सूरजकुंड वार्ड के रहने वाले मनोज खुद नाले में उतर गए। हाथ में फावड़ा थामकर नाले से सिल्ट निकालनी शुरू कर दी। यही नहीं, समस्या से आजिज आकर जिलाधिकारी को पत्र भी लिखा। जिसमें कहा है कि नाले की सफाई में अधिकारी उनका सहयोग करें।
मकानों की सतह से ऊंचा हो गया नाले का जलस्तर
मनोज ने अपनी पीड़ा बयां करते हुए कहा कि सुभाषनगर से जो नाला हनुमानपुरी को आता है, उसकी सिल्ट की सफाई नहीं हुई है। जिससे नाले में कई फीट सिल्ट व कचरा जमा हो गया है। इससे नाले का जलस्तर मकानों की सतह से ऊंचा हो गया है। इससे मकान की दीवारों में सीलन है। नाले का गंदा पानी भी घरों के अंदर प्रवेश कर रहा है। बारिश होने पर तो हालात नारकीय हो जाते हैं। जिलाधिकारी के बालाजी को पत्र में लिखा है कि बार-बार शिकायत करने पर भी सफाई नहीं हुई। सफाई कर्मचारी आते हैं और हनुमानपुरी की पुलिया ऊपर उठाने की बात कह कर चले जाते हैं। हनुमानपुरी, सुभाषनगर, लक्ष्मीनगर के बड़ी संख्या में मकान नाले किनारे हैं। जिनमें नाले का गंदा पानी बिन बारिश भर जाता है। मनोज का कहना है कि पुलिया ऊपर उठाने से जलभराव की समस्या का हल नहीं होगा। नाले में जमा सिल्ट पांच से छह फीट गहराई से निकाली जाए। मोहल्ले के राजकुमार जिंदल, वेद प्रकाश गुप्ता, जगदीश समेत अन्य लोगों ने भी सफाई न होने पर आक्रोश जताया है।
इन्होंने कहा
सफाई एवं खाद्य निरीक्षक से रिपोर्ट लेंगे कि शिकायत के बाद भी सफाई क्यों नहीं कराई गई है। नाले की सफाई सुनिश्चित कराने के लिए मौके का निरीक्षण भी किया जाएगा।
डा. गजेंद्र सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी