स्नातक के को-करिकुलर में बहुविकल्पीय आधारित परीक्षा
नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम वर्ष में पढ़ाई और परीक्षा का तरीका भी बदल गया है। स्नातक में अब सेमेस्टर से पढ़ाई हो रही है। इसमें परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किया गया है। जिसमें को-करिकुलर कोर्स में बहुविकल्पीय आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।
मेरठ, जेएनएन। नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक प्रथम वर्ष में पढ़ाई और परीक्षा का तरीका भी बदल गया है। स्नातक में अब सेमेस्टर से पढ़ाई हो रही है। इसमें परीक्षा के पैटर्न में भी बदलाव किया गया है। जिसमें को-करिकुलर कोर्स में बहुविकल्पीय आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।
बुधवार को नई शिक्षा नीति के तहत परीक्षा कैसे कराई जाएगी, इसे लेकर चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में संकायाध्यक्ष और कुछ कालेज के प्राचार्यों की बैठक हुई। इसमें पैटर्न को लेकर कुछ कालेजों में फैले भ्रम को दूर किया गया। नई शिक्षा नीति में स्नातक प्रथम वर्ष में मेजर, माइनर, स्किल आधारित और को-करिकुलर के विषय छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। इसमें स्किल आधारित विषय की परीक्षा कालेज अपने स्तर पर कराएंगे। को- करकुलम में छात्रों को बहुविकल्पीय आधारित प्रश्नों के उत्तर देने होंगे। को-करिकुलर में केवल उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। इसके अंक नहीं जोड़े जाएंगे। कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने बताया कि स्नातक में सेमेस्टर सिस्टम होने की वजह से परीक्षा के दौरान छात्रों को प्रश्नपत्रों के बीच में अधिक गैप नहीं मिलेगा। उसे ध्यान में रखते हुए छात्रों को अपनी तैयारी करनी होगी। जल्द ही नई शिक्षा नीति के तहत तैयार परीक्षा के पैटर्न को लेकर दिशा निर्देश भी जारी कर दिया जाएगा। कुलपति की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रतिकुलपति, सभी संकायाध्यक्ष, डीएसडब्लू, मेरठ कालेज, एनएएस कालेज, आरजी कालेज और मुजफ्फरनगर एसएसडी कालेज के प्राचार्य रहे।
शिविर में दिव्यांगों का पंजीकरण 14 को
मेरठ : मुख्य विकास अधिकारी शशांक चौधरी ने बताया कि जनपद में दिव्यांगजनों के चिन्हांकन तथा परीक्षण के लिए 23 अगस्त से 7 सितंबर तक ब्लाक स्तर पर शिविरों का आयोजन किया गया था। इन शिविरों में पंजीकरण न करा पाने वाले ऐसे दिव्यांगजन जिन्होंने पिछले तीन वर्ष में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की योजना (कृत्रिम अंग तथा सहायक उपकरण) का लाभ नहीं लिया है, उनके लिए 14 दिसंबर को विकास भवन परिसर स्थित दिव्यागजन सशक्तीकरण अधिकारी कार्यालय में चिन्हांकन शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें पूरे जनपद से दिव्यांग अपना पंजीकरण करा सकेंगे। कृत्रिम अंग तथा सहायक उपकरणों के लिए दिव्यांगजनों का परीक्षण चिकित्सकों द्वारा किया जाएगा। सीडीओ ने बताया कि शिविर में दिव्याग भरण-पोषण (दिव्याग पेंशन), यूनिक आईडी कार्ड पंजीकरण, दुकान निर्माण/संचालन योजना, शादी विवाह पुरस्कार प्रोत्साहन योजना के लिए भी चिन्हांकन किया जाएगा।