Multilevel Parking: मेरठ में बोले डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी-अधिकारी दे रहे हैं धोखा,जानबूझकर बनाते फंसने वाला प्रस्ताव
मेरठ में मल्टीलेवल पार्किंग पर डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि पूरे शहर में तमाम जमीन सरकारी पड़ी है लेकिन टाउनहाल का नाम जानबूझ कर शामिल किया गया है। ताकि इस पर विवाद हो और यह मुद्दा फिर फाइल में दब जाए।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में मल्टीलेवल पार्किंग के विवाद पर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी अब सामने आएंगे। उन्होंने इस विवाद के पीछे अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि अधिकारी मेरठ के साथ धोखा कर रहे हैं। जानबूझ कर ऐसा प्रस्ताव बनाते हैं जो किसी न किसी विरोध की वजह से लटक जाए।
विकास के खिलाफ
उन्होंने कहा कि पूरे शहर में तमाम जमीन सरकारी पड़ी है लेकिन टाउनहाल का नाम जानबूझ कर शामिल किया गया है। ताकि इस पर विवाद हो और यह मुद्दा फिर फाइल में दब जाए। अधिकारी उल्टा यहां के पार्षदों व लोगों पर आरोप लगा देंगे कि स्थानीय लोग ही विकास के खिलाफ हैं। कहा कि पूरे टाउनहाल परिसर पर निर्माण नहीं हो सकता है इस हकीकत से अधिकारी वाकिफ भी हैं।
महायोजना में सड़क की चौड़ाई भी है बाधा, फिर प्रस्ताव क्यों
मेरठ महायोजना-2021 में स्पष्ट लिखा है कि मल्टीलेवल पार्किंग के लिए 18 मीटर सड़क होनी आवश्यक है। टाउनहाल के सामने सड़क की चौड़ाई है महज 10.65 मीटर। ऐसे में मल्टीलेवल पार्किंग का प्रस्ताव बाद में लटक जाता। जब एमडीए का नियम ही यहां पर मल्टीलेवल पार्किंग की अनुमति नहीं देता तो फिर ऐसा प्रस्ताव बना ही क्यों। उन्होंने कहा कि अधिकारी ऐसी जगह तलाशते हैं जहां का प्रस्ताव अटक जाए। जबकि इसी शहर के अंदर नजूल की पर्याप्त भूमि है जिस पर अतिक्रमण है।