Mukim Kala Murder Gangwar: मुन्ना बजरंगी की तर्ज पर हुई कुख्यात मुकीम काला की हत्या
शुक्रवार को चित्रकूट जिला कारागार की घटना ने एक बार फिर बागपत जेल में तीन साल पहले पूर्वांचल के माफिया डान मुन्ना बजरंगी की हत्या की घटना को ताजा कर दिया है। तीन साल पहले कुख्यात सुनील राठी ने जेल में मुन्ना बजरंगी की भी गोली मारकर हत्या की थी।
बागपत, जेएनएन। चित्रकूट जिला कारागार में कुख्यात मुकीम काला व मेराजुद्दीन की गोली मारकर हत्या बागपत जेल में पूर्वांचल के माफिया डान मुन्ना बजरंगी की हत्या की तर्ज पर की गई। तीन साल पहले कुख्यात सुनील राठी ने जेल में मुन्ना बजरंगी की भी गोली मारकर हत्या की थी। दोनों घटना अपराधियों के आपस में किसी बात पर विवाद होने पर हुई।
नौ जुलाई को बजरंगी की हत्या
शुक्रवार को चित्रकूट जिला कारागार की घटना ने एक बार फिर बागपत जेल में तीन साल पहले पूर्वांचल के माफिया डान मुन्ना बजरंगी की हत्या की घटना को ताजा कर दिया है। दरअसल भाजपा नेता एवं पूर्व विधायक लोकेश दीक्षित व उनके भाई से रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में नौ जुलाई 2018 को बागपत कोर्ट में पेश करने के लिए अपराधी मुन्ना बजरंगी को बी-वारंट पर पुलिस झांसी जेल से लेकर आई थी। आठ जुलाई 2018 की रात को अपराधी मुन्ना बजरंगी को बागपत जिला कारागार में दाखिल किया गया था। कोर्ट में पेश करने से पहले ही नौ जुलाई की सुबह करीब साढ़े छह बजे जेल में पहले से बंद कुख्यात सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तत्कालीन जेलर यूपी सिंह ने खेकड़ा थाना में कुख्यात सुनील राठी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने केस की चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी थी। हत्यारोपित सुनील राठी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है।
अभी भी है कई अनसुलझे सवाल
- मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में कई सवाल अनसुलझे हैं। जेल में पिस्टल व कारतूस कैसे पहुंचा, जेल के गटर से बरामद पिस्टल को पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त होने का दावा किया, लेकिन आगरा लैब की फोरेंसिक रिपोर्ट ने राजफाश किया कि हत्या में जेल के गटर से बरामद पिस्टल का प्रयोग नहीं हुआ। आज तक यह पता नहीं चला कि असली पिस्टल कहां है?
केस की जांच कर रही सीबीआइ
- मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की थी। सीमा ने कहा था कि उसको बागपत पुलिस पर भरोसा नहीं है। सीमा ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत पांच आरोपितों के खिलाफ हत्या की तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने सभी को क्लीन चिट दे दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर केस की सीबीआइ जांच चल रही है।