मुकीम काला ने हरियाणा में बना रखी थी शरणस्थली
मुस्तफा उर्फ कग्गा के मारे जाने के बाद गैंग की कमान संभालने वाला मुकीम काला बड़ा ही शातिर था।
मेरठ, जेएनएन। मुस्तफा उर्फ कग्गा के मारे जाने के बाद गैंग की कमान संभालने वाला मुकीम काला बड़ा ही शातिर था। यूपी में वारदात करता और उसके बाद हरियाणा के पानीपत में छिप जाता था। मामला ठंडा होने के बाद ही फिर उत्तर प्रदेश लौटता था। मुकीम ने पकड़े जाने से पहले अनिल दूजाना और रणदीप भाटी गैंग से दोस्ती कर ली थी। यही उसकी गिरफ्तारी की वजह भी बनी। रणदीप भाटी ने मुकीम को एसटीएफ के हत्थे चढ़वा दिया, तभी से मुकीम जेल में बंद था।
लिसाड़ी गेट इंस्पेक्टर प्रशात कपिल ने ही मुकीम के गुरु मुस्तफा उर्फ कग्गा को सहारनपुर के गंगोह कस्बे के जंगल में मार गिराया था। कग्गा ने मुकीम के साथ मिलकर ही बेहट में सिपाही बलवीर की हत्या कर दी थी। प्रशात कपिल बताते हैं कि तभी से मुकीम ने गैंग की कमान संभाल ली थी। मुकीम इतना शातिर था कि सहारनपुर रेंज के तीनों जनपद में वारदात को अंजाम देकर हरियाणा के पानीपत में शरण लेता था। वहा भी मुकीम ने एक गैंग तैयार कर दिया था। हरियाणा के घरोढ़ा में 2013 में मुकीम ने बड़ी लूट को अंजाम दिया था। 2016 से पहले मुकीम का कनेक्शन किसी गैंग से नहीं था। सहारनपुर रेंज में सख्ती के बाद मुकीम ने हरियाणा छोड़कर मेरठ रेंज को शरणस्थली बनाया था। यहा पर नोएडा के कुख्यात रणदीप भाटी और अनिल दूजाना गैंग के संपर्क में आया।
वसीम के मारे जाने पर मुकीम ने दी थी जेल से धमकी
मेरठ एसटीएफ ने मुकीम के भाई वसीम काला को करनावल के जंगल में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था। मुकीम काला के जेल जाने के बाद वसीम ही गैंग की कमान संभाल रहा था। वसीम की मौत के बाद मुकीम ने जेल से उसका बदला लेने का एलान भी किया था। मुकीम की इस धमकी को लेकर एसटीएफ भी सतर्क हो गई थी। एडीजी राजीव सभरवाल का कहना है कि मुकीम गैंग के बाकी सक्रिय शातिरों पर भी पुलिस नजर बनाए हुए है ताकि कोई बड़ी वारदात को अंजाम न दे सकें।