मेरठ: भरभराकर गिरी मस्जिद की दीवार, मलबे से निकले घायलों के लिए हर जुबान पर थी दुआ; इस वजह से हुआ हादसा
दोपहर को मोहम्मदी मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए जमा हुए थे। अचानक मस्जिद की दीवार गिर गई। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए सभी राहत-बचाव कार्य में जुट गए। शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई।
जागरण संवाददाता, मेरठ। दोपहर को मोहम्मदी मस्जिद में बड़ी संख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए जमा हुए थे। अचानक मस्जिद की दीवार गिर गई। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए सभी राहत-बचाव कार्य में जुट गए। शहर में यह खबर आग की तरह फैल गई। पुलिस और प्रशासनिक अफसर ही नहीं, आसपास के जिस भी व्यक्ति को यह सूचना मिली वह बारिश में ही मस्जिद की तरफ दौड़ पड़ा। मलबे को हटा-हटा कर लोग अपनों को ढूंढ रहे थे। घायलों के लिए हर किसी की जुबान पर बस दुआ थी।
चार इंच की दीवार पर बांध दिया था तिरपाल
मस्जिद परिसर में बारिश से बचने के लिए ऊपरी मंजिल पर तिरपाल को चार इंच की दीवार से बांधा गया था। तिरपाल पर बारिश का पानी अधिक होने से दीवार इसका वजन सहन नहीं कर सकी और भरभराकर गिर गई। संयोग यह भी रहा कि तिरपाल की वजह से ईंटें सीधे लोगों पर नहीं गिरीं।
हादसे में घायल नमाजी
सरताज पुत्र कल्लू निवासी गली नंबर नौ अहमदनगर, अफजाल पुत्र यामीन निवासी गली नंबर 12 अहमदनगर, इरशाद पुत्र अलाऊदीन, युनुस पुत्र सत्तार, हनीफ पुत्र बुनियाद अली, जुनैद पुत्र खुर्शीद निवासी अहमदनगर, अब्दुला, अफजाल, जिशान, साजिद, फुरकान निवासी अहमदनगर, आसिफ ।
परिवार में मचा कोहराम : हादसे में मरने वाले इमरान और अफ्फान के परिवार में कोहराम मच गया। परिवार के सदस्य घटनास्थल पर पहुंचे। यहां से जानकारी मिलने पर अस्पताल गए।
न्यू मेरठ अस्पताल में डाक्टर से धक्का-मुक्की
इमरान को लेकर लोगों की भीड़ हापुड़ रोड स्थित न्यू मेरठ अस्पताल पहुंची। अस्पताल में काफी देर तक इमरान को उपचार नहीं मिलने पर भीड़ भड़क गई। भीड़ ने डाक्टर से धक्का-मुक्की कर अस्पताल में तोड़फोड़ कर दी। एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि घायलों को तत्काल उपचार मिले इसके लिए अस्पताल के संचालकों से फोन पर संपर्क किया था। इसके बाद भी न्यू मेरठ अस्पताल में डाक्टर के देरी से पहुंचने पर विवाद हो गया।
इस वजह से हुआ हादसा
अफसर इस हादसे की जिम्मेदारी से यह कहकर बच नहीं सकते कि मस्जिद की दीवार चार इंच की थी या फिर तिरपाल पर पानी अधिक भर गया था। अफसरों को यह जानना चाहिए कि कोरोना प्रतिबंधों के बावजूद सैकड़ों लोगों की भीड़ जुमे की नमाज में मस्जिद के अंदर कैसे प्रवेश कर गई। वह भी तब जब जुमे की नमाज के दौरान अफसर खुद सड़कों पर होते हैं। हर मस्जिद की जिम्मेदारी किसी न किसी अफसर को साँपी गई है। मोहम्मदी मस्जिद की जिम्मेदारी जिस पर थी उसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। शहर काजी और नायब शहर काजी भी लगातार लोगों से घरों में ही नमाज अदा करने की अपील कर रहे हैं। इसके बावजूद हर मस्जिद में नमाजियों की भारी भीड़ जमा होने लगी है। वहीं, एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि मस्जिद में सीमित संख्या में नमाज अदा करने के आदेश दिए गए हैं।