पश्चिमी उप्र में छिपे हैं सौ से ज्यादा रोहिंग्या, एटीएस ने डाला डेरा
रोहिंग्या ने मेरठ समेत वेस्ट यूपी में बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है।
मेरठ,जेएनएन। रोहिंग्या ने मेरठ समेत वेस्ट यूपी में बड़ा नेटवर्क खड़ा कर लिया है। सौ से ज्यादा रोहिंग्या अब भी मेरठ में छिपे हुए हैं। उन्होंने वोटर आइडी से लेकर आधार कार्ड तक तैयार किया हुआ है। ये मताधिकार का प्रयोग भी कर रहे हैं। मास्टरमाइंड नूर आलम, अजीजुर्रहमान उर्फ अजीम, मुफीजुर्रहमान उर्फ मुफीज, इस्माइल और हाफिज की गिरफ्तारी के बाद कई अन्य नाम भी सामने आए हैं, जिनकी धरपकड़ को एटीएस (एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड) की टीम ने मेरठ में डेरा डाला हुआ है। उधर, ईरा गार्डन में रहने वाले लोगों का कहना है कि अजीजुर्रहमान लगभग दस साल से मेरठ में रह रहा था। ईरा गार्डन में उसके आवास पर हर रोज बाहरी लोग लग्जरी गाड़ियों में सवार होकर आते थे।
हाफिज शफीक मूलरूप से मुशीदम म्यामार और इस्माइल टमरू म्यांमार का निवासी है। ये हाल में खरखौदा के अलीपुर में रह रहे थे। मुफीजुर्रहमान और अजीजुर्रहमान उर्फ अजीज मूलरूप से रखाइन म्यामार के रहने वाले हैं, जो लिसाड़ीगेट के ईरा गार्डन में रह रहे थे। सीओ अतुल यादव ने बताया कि एटीएस की टीम ने शफीक और मुफीज को लिसाड़ीगेट के ईरा गार्डन से पकड़ा है, अजीज और इस्माइल को खुर्जा बुलंदशहर से गिरफ्तार किया है। पकड़े गए चारों आरोपित मेरठ में पिछले दस साल से किराये का मकान लेकर रह रहे थे। एक सप्ताह पहले पकड़ा गया नूर आलम लक्खीपुरा में किराये के मकान में रहता था। उसने ही हाफिज, मुफीजुर्रहमान, इस्माइल और अजीजुर्रहमान को शरण दी थी। पूछताछ में सामने आया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हवाला के पैसे से रकम का आदान-प्रदान करते थे। साथ ही मलेशिया में महिलाओं की तस्करी भी कर रहे थे। पकड़े गए आरोपितों ने मेरठ में रहने वाले कुछ अन्य रोहिंग्या के नाम बताए हैं, जो उनके धंधे में शामिल हैं। उन्होंने वोटर आइडी, आधार कार्ड और पासपोर्ट तक बनवा रखे हैं। कई चुनाव में अपने मत का प्रयोग भी कर चुके हैं। तब भी खुफिया विभाग की टीम उनका पता नहीं लगा पाई। एलआइयू की तरफ से जाच रिपोर्ट लगाने के बाद ही रोहिंग्या का पासपोर्ट भी जारी हो चुका है। पकड़ा गया हाफिज पासपोर्ट से कई देशों की यात्रा भी कर चुका है। सीओ अतुल यादव ने बताया कि एटीएस की टीम ने मेरठ में डेरा डाला हुआ है। कुछ रोहिंग्या की तलाश कर रहे हैं। उम्मीद है कि पकड़े गए आरोपितों के अन्य साथियों को भी जल्द पकड़ लिया जाएगा।
नूर आलम की गिरफ्तारी के बाद से मेरठ में है एटीएस
सीओ ने बताया कि नूर आलम की गिरफ्तारी के बाद एटीएस की एक टीम मेरठ में डेरा डाले हुए थी, जो रोहिंग्या की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी। एटीएस के मेरठ में होने की भनक लगने पर ही इस्माइल और अजीम यहा से बुलंदशहर के खुर्जा में चले गए थे। इसी के चलते एटीएस को तत्काल चारों की धरपकड़ करनी पड़ी।