बारिश से आफत ज्यादा और राहत कम, धान की फसल को भारी नुकसान ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी

Rain in West UP धान की फसल को हुए नुकसान ने फेरा किसानों के अरमानों पर पानी। जलजमाव व गंदगी से मच्छरजनित बीमारियों को मिलेगा बढ़ावा। वायु प्रदूषण में कमी के साथ ठंड की आहट विद्युत आपूर्ति सुधरेगी।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 08:00 AM (IST)
बारिश से आफत ज्यादा और राहत कम, धान की फसल को भारी नुकसान ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी
धान की फसल को हुए नुकसान ने फेरा किसानों के अरमानों पर पानी।

मेरठ, जेएनएन। मानसून की विदाई के करीब दो सप्ताह बाद रविवार सुबह मौसम ने फिर अंगड़ाई ली। हवा के साथ दिनभर कभी तेज तो कभी रिमझिम बारिश होती रही। पश्चिमी विक्षोभ के कारण बने इस हालात से फायदा कम, नुकसान ज्यादा दिख रहा है। बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। धान की पकी व कटी फसल को काफी नुकसान बताया जा रहा है। बुआई भी थम गई है। जलभराव के कारण उपजी गंदगी से बीमारियों का खतरा और बढ़ गया है। वैसे भी तमाम जिले इन दिनों वायरल और डेंगू की चपेट में हैं। इस मौसम से उमस और गर्मी से जरूर राहत मिली है। ठंड की आहट शुरू हो गई है। वायु प्रदूषण में सुधार के साथ ही बिजली की मांग भी कम हुई है।

मौसम विज्ञानी कुछ दिनों से बारिश की संभावना जता रहे थे लेकिन लोगों को ऐसी बारिश की उम्मीद नहीं थी। सुबह से हवा के साथ शुरू हुई बारिश से पक चुकी धान की फसल गिरने से 30 फीसद से ज्यादा का नुकसान बताया जा रहा है। बारिश से गन्ना व सब्जियों के पौधों पर जमा धूल धूलने से फायदा होगा।

बुआई होगी प्रभावित

मेथी, पालक, मटर, बथुआ, सरसों तथा बैंगन, टमाटर और मिर्च आदि फसलों की बुआई अब 15 से 20 दिन विलंब से होगी। सब्जियों के दामों में वृद्धि हो सकती है।

सुधर गई हवा

बारिश से जहां नुकसान ज्यादा दिख रहा है वहीं कुछ फायदा भी हुआ है। निश्चित ही वायु प्रदूषण में कमी आएगी। और लोग चैन की सांस ले सकेंगेे। मौसम में ठंडक से विद्युत की मांग भी घटेगी और आपूर्ति में भी सुधार होगा।

गिरा तापमान

पिछले कुछ दिनों से दिन में 34 तथा रात का तापमान 22 डिग्री से नीचे आने का नाम नहीं ले रहा था, लेकिन बारिश होने से तीन से पांच डिग्री तक तापमान नीचे गिरा है।

इन्होंने कहा

यह बारिश पश्चिम विक्षोभ के दबाव की वजह से हो रही है। इस बारिश का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में रहेगा। बिजनौर में रिकार्ड बारिश हो सकती है। सोमवार को भी बारिश होगी। आलू की बुआई पिछड़ेगी। धान की फसल को नुकसान होगा। गेहूं, चना आदि फसलों की बुआई के लिए फायदा रहेगा।

- डा. यूपी शाही, मौसम वैज्ञानिक कृषि विवि, मोदीपुरम मेरठ।

बैंगन, टमाटर मिर्च नर्सरी में नुकसान होगा। धान की फसल को भी नुकसान है। बोरों में रखे धान व अन्य फसल को नुकसान होने की अधिक संभावना है। जैसे ही धूप निकले त्यों ही किसान अपनी इक_ी की हुई फसल को धूप में सुखा दे, ताकि उसमें फफूंदी या गांठ न बन पाए। किसान गिरी फसल को भी काटने का प्रयास करें और मौसम साफ होते ही ठीक से सुखाएं।

- डा. संजय त्रिपाठी, कृषि वैज्ञानिक कृषि विवि, मोदीपुरम मेरठ।

बारिश की वजह से जलजमाव बढ़ेगा, जिससे मच्छरजनित बीमारियां मसलन डेंगू तेजी से बढ़ेगा। हवा में नमी बढऩे से बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं, जिससे ऊपरी श्वसन तंत्र की बीमारियां होती हैं। गला खराब होने से लेकर एलर्जी तक हो सकती है। लोग सावधानी बरतें और दिक्क्त होने पर डाक्टरी सलाह लें।

- डा. अरविंद, प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, मेडिकल कालेज मेरठ।

शाकंभरी मेले पर रोक, वाहन फंसे

सहारनपुर : बारिश के कारण अचानक शाकंभरी नदी में पानी आने से मां शाकंभरी के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालुओं को प्रशासन ने रास्ते में ही रोक दिया। देखते ही देखते मेला स्थल पर पानी पहुंच गया और दुकानदारों ने किसी तरह अपना सामान सुरक्षित किया। पानी में कुछ वाहन फंस गए जिसे लोगों ने मशक्कत के बाद निकाला। प्रशासन ने मां शाकंभरी देवी मेले पर दो दिन के लिए रोक लगा दी है। उधर, मेरठ के मवाना में बारिश के दौरान एक टेंपो पर पेड़ गिरने से पांच लोग घायल हो गए।

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