मुज़फ्फरनगर से मेरठ तक बंदर ने किया एक्‍सप्रेस ट्रेन में सफर, जानिए आगे क्‍या हुआ

सुपर एक्सप्रेस ट्रेन में मुज़फ्फरनगर स्टेशन से चढ़ गया बंदर। यात्रियों की सांसे अटकी रहींं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Thu, 22 Nov 2018 04:48 PM (IST) Updated:Thu, 22 Nov 2018 04:48 PM (IST)
मुज़फ्फरनगर से मेरठ तक बंदर ने किया एक्‍सप्रेस ट्रेन में सफर, जानिए आगे क्‍या हुआ
मुज़फ्फरनगर से मेरठ तक बंदर ने किया एक्‍सप्रेस ट्रेन में सफर, जानिए आगे क्‍या हुआ
मेरठ (जेएनएन)। जालंधर से नई दिल्ली के बीच चलने वाली सुपर एक्सप्रेस में बंदर ने जमकर उत्पात मचाया। जिससे यात्रियों की सांसे थम गई। गुरुवार सुबह करीब 10.30 बजे मुज़फ्फरनगर स्टेशन पहुंची सुपर एक्सप्रेस में अचानक एक बंदर चढ़ गया। ट्रेन के चलने के बाद यात्रियों की नजर एक दम बंदर पर गयी तो वह घुर्राने लगा। कई बार बंदर ने यात्रियों के कंधे पर बैठकर उन्हें डरा दिया।
यात्रियों की अटकी रही सांसे
ट्रेन में घबरा रहे लोगो ने इसकी सूचना ट्रेन में चल रहे अटेंडेंट को दी। लोको पायलट ने वायरलेस से सूचना मेरठ केंट स्टेशन को दी। कैंट स्टेशन पर सुपर एक्सप्रेस के पहुंचते ही ट्रेन से बंदर को बाहर करने की कोशिश की गई लेकिन यह प्रयास असफल रहा। इसके बाद सिटी स्टेशन पर कंट्रोल रूम ने मैसेज देकर बंदर को बाहर करने के लिए कहा। सिटी स्टेशन पर सुबह करीब 11.10 पर ट्रेन पहुंचते ही रेलवे पोइट्समैन की टीम ने बंदर को कोच से निकाला। जिसमे एक पोइट्समैन दीपक घायल भी हो गया।
केला देकर निकाला बाहर
बंदर को सिटी स्टेशन पर केले का लालच दिया गया। पॉइंट्समैन ने कोच नम्बर 183611 की आपातकालीन खिड़की से केला दिखाया। केले को देखते ही बंदर ने तुरंत झपट्टा मारा। इसके बाद वह कोच से बाहर आया। इस कार्य को करने में आदेश, दीपक, सचिन, अभिषेक, मामचंद शामिल रहें।

सिटी स्टेशन पर घूमता रहा
यहां उतरने के बाद बंदर ने कई यात्रियों को परेशान किया। प्लेटफार्म से गुजर रही महिलायों को पकड़ लिया। जिससे कई बार वहां चीख-पुकार मचने लगी। बाद में वह प्लेटफॉर्म नम्बर 1 से 3 की तरफ चला गया।
रेलवे की लापरवाही आई सामने
ट्रेन में बंदर होने के बावजूद बीच के किसी भी स्टेशन पर ट्रेन नहीं रोकी गयी। मुजफ़फरनगर स्टेशन से चलकर सुपर एक्सप्रेस का स्टॉपेज सिर्फ मेरठ कैन्ट है लेकिन इसके बीच में खतौली, सकौती, पावली खास आदि स्टेशन पड़ते हैं। रेलवे को सूचना देने के बाद भी ट्रेन को रोका नहीं गया। 
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