मेरठ में बस में दुष्‍कर्म : जिम्मेदार दामन और वह 'आबरू' बचाती रही, हदें हुई पार Meerut News

यहां तो मानवता भी शर्मसार हो गई। मेरठ में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना का शर्मनाक पहलू यह है कि जिम्मेदार लोग तमाशबीन बनकर आते रहे और सवाल पूछकर आगे बढ़ते रहे। किसी ने भी अपने दायित्व का त्वरित पालन नहीं किया।

By Prem BhattEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 10:11 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 10:11 AM (IST)
मेरठ में बस में दुष्‍कर्म : जिम्मेदार दामन और वह 'आबरू' बचाती रही, हदें हुई पार Meerut News
मेरठ में चलती बस में दुष्‍कर्म मामले में ज्‍यादातर लोग तमाशबीन ही बने रहे।

मेरठ, जेएनएन। आप इस घटना को दिल्ली में हुए निर्भया कांड की पुनरावृत्ति कह सकते हैं। चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की इस घटना का शर्मनाक पहलू यह है कि जिम्मेदार लोग तमाशबीन बनकर आते रहे और सवाल पूछकर आगे बढ़ते रहे। किसी ने भी अपने दायित्व का त्वरित पालन नहीं किया। बात बड़े अफसरों तक पहुंची तो कार्रवाई शुरू हुई। वहीं पीडि़ता फटे कपड़ों में अस्पताल के स्ट्रेचर पर छह घंटे तक शर्मसार करने वाले सवाल झेलती रही। पुलिस, डॉक्टर और मीडियाकर्मियों का एक ही सवाल होता, 'तुम्हारे साथ दुष्कर्म हुआ है? पीडि़ता पत्थर हो चुकी जुबान से हर बार 'हां में जवाब देती। पुलिस का रवैया बेहद आपत्तिजनक रहा। महिला के गुनहगारों को पकडऩे की बजाय थाना क्षेत्र के विवाद में उलझी रही। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भले ही दो दिन पहले महिला के खिलाफ अपराध के मामलों में चौकी इंचार्ज से सीओ तक को जिम्मेदार मानने की बात कही हो, लेकिन यहां पुलिस तो बस अपनी तरह से काम करती नजर आयी।

इंस्पेक्टर घटनास्थल नहीं पहुंचे

चलती बस में महिला के साथ चालक-परिचालक ने हैवानियत की हदें पार कर दीं। आरोपित महिला को दिल्ली रोड स्थित ब्रह्मपुरी क्षेत्र में फेंक गए। सुबह सात बजे आसपास के लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी, लेकिन इंस्पेक्टर घटनास्थल नहीं पहुंचे। थाने से महिला कांस्टेबल और अन्य स्टाफ आया और पीडि़ता को एंबुलेंस में डालकर जिला अस्पताल के टीबी वार्ड के बाहर डालकर निकल गया। इंस्पेक्टर ब्रह्मपुरी का कहना था कि कोई भीख मांगने वाली महिला है, जो नशे में बदहवास थी, उसे अस्पताल पहुंचा दिया गया है। एसपी सिटी और इंस्पेक्टर देहली गेट अस्पताल पहुंचे, तब महिला को इमरजेंसी लाया गया। इसके बाद एसपी सिटी भी वहां से निकल गए और महिला इमरजेंसी के बाहर स्ट्रेचर पर फटे कपड़ों में अपने शरीर (आबरू) को छिपाती पड़ी रही।

दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई

किसी डॉक्टर ने भी दायित्व नहीं निभाया, महिला को उपचार तक नहीं दिया। देहली गेट इंस्पेक्टर राजेंद्र त्यागी ने घटना की जानकारी एसओ सदर बाजार विजय गुप्ता को दी, क्योंकि महिला रोडवेज बस स्टैंड से बस में सवार हुई थी। एएसपी इरज राजा और एसओ सदर बाजार टीम के साथ अस्पताल पहुंचे। उस समय एसओ को दिल्ली रोड पर सड़क किनारे लेटी महिला के फोटो मिल गए। इस पर उन्होंने मामला ब्रह्मपुरी थाने का होने के बारे में अफसरों को जानकारी दी। इस समय तक दोपहर के डेढ़ बज चुके थे। अफसरों ने पीडि़ता को उपचार दिलाने का आदेश दिया। तब महिला को स्ट्रेचर से उठाकर महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामला एडीजी राजीव सभरवाल तक पहुंचा तो उन्होंने एसएसपी को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। एसएसपी ने ब्रह्मपुरी और सदर बाजार दोनों थानों की पुलिस को आरोपितों की तलाश कराने के आदेश दिए। एडीजी का कहना है कि प्रकरण की जांच कराई जाएगी। दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।

पहले भी दो बार बस और ट्रेन से मायके जा चुकी है पीडि़ता

दुष्कर्म की शिकार महिला पहले भी दो बार बस और ट्रेन से मायके जा चुकी है। उसके पति ने बताया कि वह एक बार गाजियाबाद से ट्रेन में सवार होकर मीरजापुर गई थी। दूसरी बार सोहराब गेट से कानपुर की बस में सवार होकर गई थी। कानपुर से मीरजापुर के लिए दूसरी बस बदलकर मायके चली गई थी। गुरुवार रात पीडि़ता की फोन पर मां से बात हुई थी। वह मां को मायके से लाने के लिए अकेली निकल गई थी। परिवार के लोगों के लिए यह सामान्य बात है कि महिला अकेले मायके चली जाती है। उसने बच्चे के भी ससुराल में ही छोड़ दिया था।

रात दो बजे बंद हो गया था मोबाइल फोन

पीडि़ता के पति ने बताया कि शाम को पांच बजे उससे बात हुई। उसने बताया कि वह बेगमपुल पर पहुंच गई है। इसके बाद सात बजे कॉल की, जो रिसीव नहीं हुई। तब भी परिवार के लोग समझ रहे थे कि बस के शोर या बैग में होने की वजह से फोन रिसीव नहीं हुआ। पति रात दो बजे तक लगातार उसके मोबाइल पर कॉल करता रहा। कॉल एक बार भी रिसीव नहीं हुई। रात दो बजे के बाद मोबाइल फोन बंद हो गया। सुबह पांच बजे भी मोबाइल बंद की जानकारी मिली। पति सुबह सोहराब गेट बस स्टैंड पर पहुंचा। वहां से उसे कोई जानकारी नहीं मिली। दरअसल, महिला सोहराब गेट से ही बस में सवार होकर कानपुर जाती थी। हालांकि वह परिवार के साथ गाजियाबाद से भी मीरजापुर जाती रही है। पति घर पर पहुंचा तब सरूरपुर थाने से कॉल आई। पता चला कि पत्नी जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भर्ती है।

तीन शादी कर चुकी पीडि़ता

पीडि़ता तीन शादी कर चुकी है। पहली शादी उसने मीरजापुर जनपद में की थी। वह टूट गई। दूसरी शादी सरूरपुर क्षेत्र में की। इस युवक ने 15 दिन में ही पीडि़ता के साथ रहने से इन्कार कर दिया। पीडि़ता युवक के छोटे भाई के साथ रहने लगी। तीन साल से पीडि़ता इसके साथ रह रही है। इस दौरान उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया।

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