मोदी रबर से जमीन का 44 साल का किराया वसूलेंगे

रुड़की रोड पर पल्हैड़ा गांव की सीमा में अरबन सीलिंग की 140 बीघा से ज्यादा जमीन पर मोदी रबर फैक्ट्री का अवैध कब्जा है। इस जमीन पर टाउनशिप बनाने की तैयारी की जा रही थी। कमिश्नर के पास शिकायत पहुंचने पर जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। एसडीएम सरधना ने बेदखली का नोटिस जारी किया था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 08:50 AM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 08:50 AM (IST)
मोदी रबर से जमीन का 44 साल का किराया वसूलेंगे
मोदी रबर से जमीन का 44 साल का किराया वसूलेंगे

मेरठ, जेएनएन। रुड़की रोड पर पल्हैड़ा गांव की सीमा में अरबन सीलिंग की 140 बीघा से ज्यादा जमीन पर मोदी रबर फैक्ट्री का अवैध कब्जा है। इस जमीन पर टाउनशिप बनाने की तैयारी की जा रही थी। कमिश्नर के पास शिकायत पहुंचने पर जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। एसडीएम सरधना ने बेदखली का नोटिस जारी किया था। जिसका सात दिन का समय बीतने के बाद भी कार्रवाई न करने को लेकर तहसील प्रशासन पर भी आरोप हैं। तहसील की टीम ने रविवार को मौके पर पहुंच लगभग 26 हजार मीटर जमीन पर कब्जा लेने का दावा किया।

शिकायतकर्ता ने कमिश्नर से शिकायत करके इस कार्रवाई को खानापूर्ति बताया गया है। तहसील प्रशासन पर मिलीभगत का आरोप लगाया तथा जमीन को जल्द से जल्द कब्जामुक्त कराने की मांग की। शिकायतकर्ता आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने कमिश्नर सुरेंद्र सिंह से शिकायत करके बताया कि वर्ष 1977 में यह जमीन अरबन सीलिंग घोषित की गई थी। जिसके वर्ष 1981 में बैनामे किए गए। यह कब्जा अवैध है। उन्होंने जमीन को कब्जा मुक्त कराकर कब्जाधारक से 44 साल का जमीन का किराया भी वसलूने की मांग की। कमिश्नर ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है। कब्जा अवैध मिलता है तो जमीन का किराया भी वसूल किया जाएगा।

मोदी रबर कालोनी को खाली कराने के लिए नोटिस चस्पा : मोदी रबर कालोनी को खाली कराने के लिए मोदी कंपनी की ओर से कालोनी के मुख्य गेट, बस स्टाप और अन्य कई दीवारों पर यह नोटिस चस्पा किए गए हैं। नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कालोनी को खाली कराने का जिक्र किया गया है।

नोटिस में साफ कहा गया है कि जो कर्मचारी कंपनी के मकानों में सेवा समाप्ति के बाद भी अवैध रूप से बिना किसी किराया व मेंटीनेंस चार्ज के दिए रह रहे हैं, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कंपनी का कर्मचारी के एनुऐशन की रकम में से प्राप्त करने का अधिकार है। मगर, वर्तमान में कोरोना की स्थिति को देखते हुए कंपनी ने यह निश्चय किया है कि जो भी कर्मचारी तीस सितंबर तक कंपनी की संपत्ति जिस पर कर्मचारी अवैधानिक तौर पर काबिज हैकंपनी को वापस कर सकते हैं। मगर, उन कर्मचारियों को कंपनी द्वारा एक विशेष छूट दी जा रही है। जिसमें किराया व मेंटीनेंस चार्ज नहीं लिए जा रहे हैं, और न ही कर्मचारियों के सुपरएनुऐशन की राशि में से कोई कटौती की जाएगी। इस प्रकरण में कालोनी निवासी व मोदी रबर से रिटायर्डमेंट कर्मचारी आरएन तिवारी का कहना है कि यह जमीन मोदी रबर की नहीं सरकारी है। जिसके सबूत हमारे पास हैं। अभी मोदीरबर पर मेरे जैसे दर्जनों रिटायर्डमेंट कर्मचारियों के लाखों रुपये बकाया हैं, जिसका भुगतान आज तक नहीं हुआ है। ऐसे नोटिस पूर्व में भी कई बार चस्पा किए गए हैं।

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