Modi Cabinet 2.0: केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार में हाशिए पर रहा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, नहीं मिला किसी को मौका
केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में कई चौंकाने वाले चेहरे शामिल किए गए लेकिन पश्चिमी उप्र पूरी तरह हाशिये पर रहा। किसान आंदोलन की तपिश को कम करने के लिए पश्चिम यूपी को विशेष तवज्जो मिलने की उम्मीद थी लेकिन विस्तार में ऐसा कुछ नजर नहीं आया।
जागरण संवाददाता, मेरठ। केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में कई चौंकाने वाले चेहरे शामिल किए गए, लेकिन पश्चिमी उप्र पूरी तरह हाशिये पर रहा। किसान आंदोलन की तपिश को कम करने के लिए पश्चिम यूपी को विशेष तवज्जो मिलने की उम्मीद थी, लेकिन विस्तार में ऐसा कुछ नजर नहीं आया। पश्चिमी यूपी की सियासत भाजपा को ज्यादा रास आती है। केंद्र सरकार लंबे समय से किसान आंदोलन से घिरी हुई है। इस आंदोलन की जड़ें गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर से लेकर अमरोहा और सहारनपुर तक 15 से ज्यादा जिलों में ज्यादा गहरी हैं।
भाकियू के सक्रिय होने और जिला पंचायत चुनाव में रालोद के बढ़ते वोटबैंक को देखते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान को कैबिनेट मंत्री बनाने की बात उठ रही थी, वहीं एक गुर्जर चेहरे के रूप में कैराना सांसद प्रदीप चौधरी का नाम चर्चा में था लेकिन हुआ कुछ नहीं। गाजियाबाद के सांसद रि.जनरल वीके सिंह का भी कद नहीं बढ़ाया। मेरठ से तीसरी बार सांसद बने राजेंद्र अग्रवाल क्षेत्रीय व जातीय समीकरण में फिट नहीं बैठे। वहीं, एक खेमा बागपत सांसद सत्यपाल सिंह को भी मंत्रिमंडल में लेने का माहौल बना रहा था, लेकिन केंद्र सरकार किसान आंदोलन को लेकर दबाव में नजर नहीं आयी। पश्चिम के 14 लोकसभा क्षेत्रों में से पार्टी के सात सांसद हैं, जिसमे से दो मोदी सरकार में राज्य मंत्री के तौर पर पहले से शामिल हैं।
मोदी सरकार में मंत्री बने एसपी बघेल की सरधना में है ससुराल
मोदी मंत्रिमंडल में स्थान पाने वाले आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल का मेरठ से खासा जुड़ाव है। सरधना के चौक बाजार में उनकी ससुराल है। राजनीति में आने से पहले वह उप्र पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। मेरठ कालेज से उन्होंने एलएलबी और पीएचडी की थी। उनके मंत्री बनने पर शहर वासियों ने भी खुशी जाहिर की है। आगरा से सांसद एसपी बघेल का कैरियर कई आयामों से गुजरा है। 1982 में सरधना में सब इंस्पेक्टर के रूप में तैनात हुए थे। सरधना के प्रीतिश कुमार सिंह ने बताया कि तभी वह उनके संपर्क में आए थे। सरधना के नामी होम्योपैथिक चिकित्सक डा. पीएन पुरी की बेटी मधु से उनका विवाह हुआ था। दोनों परिवारों के बीच सेतु का काम उन्होंने किया था। मेरठ में तैनाती के दौरान वह इंचौली और आबूलेन पुलिस चौकी पर भी तैनात रहे। तैनाती के दौरान ही उन्होंने एलएलबी और फिर मिलिट्री साइंस से मेरठ कालेज से पीएचडी की। आबूलेन के व्यापारी सरदार राजवीर सिंह ने कहा कि हमारा उनका तभी का संबंध है। आज भी जब वह मेरठ आते हैं तो बिना मिले नहीं जाते। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश महामंत्री संगठन डा. राजकुमार सांगवान ने बताया कि 1986 में तीन साल का डिग्री कोर्स किए जाने पर मेरठ कालेज में जमकर धरना-प्रदर्शन होता था। उस समय एसपी बघेल एलआइयू में दारोगा थे। छात्र गतिविधियों की सूचनाएं जुटाना और शासन को रिपोर्ट भेजना उनका काम था। मेरठ से दिल्ली तक छात्रों ने पदयात्र निकाली थी। ठाकुर प्रीतिश सिंह ने बताया कि चार बार सांसद और प्रदेश सरकार में मंत्री रहने के बावजूद वह बेहद सरल स्वभाव के हैं।