काम में देर हुई तो यह जान बूझकर ही होगी
एक्सप्रेस-वे इन दिनों अपने पूर्ण होने की आगे सरकती तिथियों को लेकर लोगों के बीच चर्चा में है। कार्यदाई एजेंसियों से लेकर मंत्रालय स्तर तक कई बार इसके लोकापर्ण की तिथि बढ़ाई जा चुकी है।
मेरठ, जेएनएन। एक्सप्रेस-वे इन दिनों अपने पूर्ण होने की आगे सरकती तिथियों को लेकर लोगों के बीच चर्चा में है। कार्यदाई एजेंसियों से लेकर मंत्रालय स्तर तक कई बार इसके लोकापर्ण की तिथि बढ़ाई जा चुकी है। बहरहाल, मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के चौथे चरण अर्थात मेरठ से डासना के बीच निर्माण कार्य के हाल की बात करें तो यह स्पष्ट है कि इस हिस्से का संपूर्ण काम 15 मार्च तक पूरा करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है। यह भी तय है कि यदि बचे हुए काम को इस अवधि में पूर्ण नहीं कर लिया जाता तो यह जान बूझकर ही होगा। अर्थात इसके लिए निर्माण एजेंसी की कार्यशैली दोषी होगी। हालाकि निर्माण एजेंसी का भी दावा है कि 15 मार्च तक काम हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। यह है वस्तुस्थिति
चौथे चरण के अंतर्गत एक्सप्रेस-वे के दो बड़े काम ही शेष हैं। परतापुर इंटरचेंज पर देहरादून बाइपास का रैंप, जो रेलवे ओवरब्रिज पर एक्सप्रेस-वे से लिंक करना है। इसपर मिट्टी का भराव अंतिम दौर में है, यह तीन दिन में पूरा हो जाएगा। इसके बाद इसे मजबूत होने मे तीन दिन लगेंगे। दो दिन में इसपर कंक्रीट बिछा दी जाएगी, और दो दिन के अंतराल पर तारकोल की अंतिम लेयर डाल दी जाएगी। अर्थात 13 मार्च तक रैंप लिंक कर चलने लायक हो जाएगा। दूसरी ओर, इंटरचेंज पर एक्सप्रेस-वे से मोदीनगर को उतर रहे रैंप का काम महज तीन दिन का है। मोदीनगर से देहरादून को जाने वाली लूप साइड की सड़क पर तारकोल की लेयर डाली जा रही है, जो 10 मार्च तक फाइनल हो जाएगी। इस दौरान इंटरचेंज के दूसरे छोटे-छोटे काम भी निपटाए जा सकते हैं। इसके बाद, इस्टर्न पेरिफेरल के पास एक्सप्रेस-वे के लूप व रैंप तैयार हैं। पेरिफेरल से जोड़ने का काम भी शुरू हो गया है। हर हाल में यहा का काम चार से पाच दिन में समाप्त हो जाना चाहिए। इसके बाद डासना में एलिवेटेड स्ट्रक्चर को एक्सप्रेस-वे से जोड़ना है। यह करीब 70 मीटर का हिस्सा है, जिसमें मिट्टी का भराव हो गया है। कंक्रीट फिर तारकोल की अंतिम लेयर डाली जानी है। कंक्रीट के काम में दो दिन लगेंगे। एलिवेटेड स्ट्रक्चर पर दो अंतिम स्लैब तीन दिन पहले डाले जा चुके हैं, 12 दिन मजबूत होने में लगेंगे। इसके बाद तीन दिन में एलिवेटेड स्ट्रक्चर पर तारकोल की अंतिम लेयर डाली जा सकती है। इसी बीच में साइन बोर्ड और रंग-रोगन का काम हो सकता है। अर्थात डासना एलिवेटेड स्ट्रक्चर हर हाल में 12 मार्च तक पूरा किया जा सकता है। निर्माण एजेंसी जीआर इंफ्रा के अधिकारियों का भी कहना है कि 15 मार्च तक मेरठ से डासना तक एक्सप्रेस-वे तैयार कर हैंडओवर करने का लक्ष्य रखा गया है। अब देखना है कि दावा पूरा होता है कि यह तारीख भी केवल घोषणा बनकर रह जाती है।
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तारीखों की भूलभुलैया में फंसा एक्सप्रेस-वे
एनएचएआई 15 मार्च तक चौथे चरण का हैंडओवर लेने की कर रहा बात, चालू कब होगा यह तय करेगा मंत्रालय एक्सप्रेस-वे
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- इधर, दूसरे चरण में देरी से केंद्रीय मंत्री लोकार्पण जून में करने की कर रहे बात
- उधर, एक्सप्रेस-वे चालू होने की तिथि बार-बार आगे सरकने से त्रस्त हो चुकी जनता जागरण संवाददाता, मेरठ : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे तारीखों की भूलभुलैया में फंस गया है जबकि मेरठ से दिल्ली जाने में जनता के पसीने छूट जा रहे हैं। हालत यह है कि चौथे चरण के लिए 15 मार्च तक काम पूरा कर लेने की बात की जा रही है जबकि दूसरे चरण की तारीख जून तक उछल गई है। एक्सप्रेस-वे जनता के लिए आधिकारिक रूप से कब खोला जाएगा, यह कोई स्पष्ट करने को तैयार नहीं है। लोग अब कहने लगे हैं कि बाकी के तीन चरणों में जिस तरह आवाजाही हो रही है, चौथे चरण में भी 15 मार्च से उसी तरह आवाजाही खोल दी जाए।
दरअसल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक दिन पूर्व एक वेबीनार का वीडियो ट्वीट किया, जिसमें वह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण जून में करने की बात कह रहे हैं। वजह बता रहे हैं, दूसरे चरण के अंतर्गत डासना से यूपी गेट के बीच एक्सप्रेस-वे पर चिपियाना के समीप रेलवे ओवरब्रिज का काम न हो पाना। हालाकि केंद्रीय मंत्री ने चौथे चरण के मेरठ से डासना तक एक्सप्रेस-वे को लेकर कोई बात नहीं की। इधर, एनएचएआइ के डीजीएम और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के परियोजना निदेशक मुदित गर्ग का कहना है कि चौथे चरण के अंतर्गत मेरठ से डासना तक एक्सप्रेस-वे का काम 15 मार्च तक पूरा कर उसका हैंडओवर कर लिया जाएगा। निर्माण एजेंसी से हैंडओवर लेने के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय को सूचित किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे के चौथे चरण को कब चालू किया जाएगा, यह मंत्रालय तय करेगा। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के अंतर्गत डासना से यूपी गेट के बीच चिपियाना में तीन रेलवे ओवरब्रिज पर अप्रैल में गर्डर रखे जाएंगे। इस काम को छोड़कर दूसरे चरण के बाकी सारे काम 31 मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। उसी के अनुसार काम किया जा रहा है। तारीख पर तारीख, मगर काम पूरा नहीं हुआ
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण अक्टूबर 2019 में पूरा हो जाना था, लेकिन इसे दिसंबर 2019 तक बढ़ा दिया गया था। इसके बाद इसे मार्च 2020 तक खिसका दिया गया। इसके बाद कोरोना महामारी का लाकडाउन लग गया था। मई 2020 में काम फिर शुरू हुआ, जिसे अक्टूबर 2020 तक पूरा होना था। हालाकि काम एक बार फिर पूरा नहीं हुआ और दिसंबर 2020 की नई तारीख सामने आ गई। यह और बात है कि वह तारीख भी इतिहास बन गई, और नई तारीख परोसी गई 31 जनवरी 2021, ..अब अजब आलम देखिए कि वह तारीख फिर सरकी 15 फरवरी तक, ..फिर सरकी 10 मार्च तक, ..और फिर सरकी 15 मार्च तक।
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खबर 03
-------- सुबह से रहे डटे, शाम में हटे समान मुआवजा की माग
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जागरण संवाददाता, मोदीनगर : दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के लिए अधिगृहीत जमीन के एक समान मुआवजे की माग पूरी न होने पर शुक्रवार को मुरादाबाद गाव के सामने एक्सप्रेस-वे पर किसानों द्वारा शुरू किया गया बेमियादी धरना शाम को खत्म हो गया। दरअसल, अधिकारियों के मनाने पर किसान मान गए और धरने को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया। सुबह दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे की साइट पर पहुंचे किसानों ने काम में लगे कर्मचारियों को हटाकर निर्माण कार्य रोक दिया और धरने पर बैठ गए। इस दौरान पूर्व जिला पंचायत सदस्य सतीश राठी ने कहा कि प्रशासन और एनएचएआई ने किसानों से हर बार झूठ बोला। किसान अपना हक माग रहे हैं, भीख नहीं।
इधर, काम रोकने की जानकारी एनएचएआई के अधिकारियों को मिली तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी सूचना दी। दोपहर में एसडीएम आदित्य प्रजापति, तहसीलदार उमाकात तिवारी, सीओ मोदीनगर सुनील कुमार सिंह किसानों के बीच पहुंचे। अधिकारियों ने किसानों को समस्या हल कराने का भरोसा दिया और धरना खत्म करने की अपील की। हालाकि किसान मानने को तैयार नहीं थे। आखिरकार देर शाम जिलाधिकारी व एनएचएआई के अधिकारियों से जल्द वार्ता कराने का भरोसा देने के बाद अधिकारियों को कामयाबी मिली और किसानों ने मंगलवार तक धरने को स्थगित कर दिया।
मोदीनगर के एसडीएम आदित्य प्रजापति का कहना है कि मंगलवार तक के लिए किसानों ने धरना स्थगित कर दिया है। किसानों की डीएम व एनएचएआई के अधिकारियों से जल्द वार्ता कराई जाएगी। किसानों के विरोध को देखते हुए मुरादाबाद गाव के सामने एक्सप्रेस-वे के आसपास जगह-जगह पुलिसबल तैनात किया गया था।