कम न आंके, टर्म वन-टू का है बराबर महत्व

सीबीएसई की ओर से सत्र 2021-22 को दो भागों में विभाजित कर टर्म-वन और टर्म-टू प

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 04:18 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 04:18 AM (IST)
कम न आंके, टर्म वन-टू का है बराबर महत्व
कम न आंके, टर्म वन-टू का है बराबर महत्व

मेरठ,जेएनएन। सीबीएसई की ओर से सत्र 2021-22 को दो भागों में विभाजित कर टर्म-वन और टर्म-टू परीक्षा आयोजित होगी। दोनों ही परीक्षा समान रूप से महत्वपूर्ण हैं और बराबर वेटेज की हैं। 10वीं व 12वीं का अंतिम परिणाम दोनों ही परीक्षाओं के अंकों से बनेगा। सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर सुधांशु शेखर के अनुसार कोई परीक्षार्थी यदि ऐसा सोच रहे हैं कि टर्म-वन में कम अंक पाकर भी टर्म-टू में अधिक मेहनत कर बराबर कर लेंगे तो यह उनकी भूल होगी। किसी भी टर्म में अंक कम हुए तो पूरे सौ फीसद अंक हासिल नहीं कर सकेंगे।

इस बार लिख कर नहीं, पढ़ कर याद रखने का फार्मूला

अब तक हुई परीक्षाओं में छात्रों को हर उत्तर लिखकर याद करने को कहा जाता था, जिससे उन्हें 60-70 फीसद उत्तर लिखते समय ही याद हो जाता था। पहले दो, चार, छह आदि अंक के उत्तर लिखने होते थे, इसलिए उसमें चलता था लेकिन बहुविकल्पीय प्रश्नों का उत्तर देने के लिए लिखने का नहीं ठीक से व सटीक पढ़ने का अभ्यास होना चाहिए। विषयवार टाइम-टेबल तैयार करें। सभी चैप्टर को ध्यान से पढ़ें। पूरे सिलेबस में अपने कमजोर व मजबूत पक्ष को चिन्हित करें और उसी के अनुरूप खूब पढ़ें। केवल स्कूल के टेस्ट व प्री-बोर्ड के भरोसे न रहें। सीबीएसई व अन्य वेबसाइटों पर उपलब्ध पेपर्स को रेगुलर हल करते रहें। पहले 180 मिनट थे अब केवल 90 मिनट की बोर्ड परीक्षा है, इसलिए टाइम मैनेजमेंट कर उसके अनुरूप खुद को ढालने की कोशिश करें।

परीक्षार्थियों को प्रश्न बैंक दें शिक्षक

सुधांशु शेखर के अनुसार स्कूलों के विषय शिक्षकों को छात्रों के लिए प्रश्न बैंक तैयार कर मुहैया कराना चाहिए। टेस्ट व प्री-बोर्ड को टर्म-वन के अनुरूप ओएमआर शीट पर ही कराएं और छात्रों का अभ्यास कराएं। टेस्ट के बाद बच्चों को एक अंक वाले प्रश्नों के उत्तर भी बताएं, जिससे उनके उतने प्रश्न भी साथ में तैयार होते रहें। छात्रों का सिलेबस पुराना है, किताबें भी पुरानी हैं, लेकिन परीक्षा पैटर्न व मूल्यांकन नया होगा। इसलिए तैयारी का तरीका भी नया ही होगा। किताब के चैप्टर्स में कुछ ही प्रश्न दिए गए हैं जबकि इस बार चैप्टर की हर लाइन में एक प्रश्न बन सकता है। पिछले साल के बोर्ड परीक्षा के पेपर नहीं हैं। इसलिए शिक्षकों का प्रश्न बैंक बनाना जरूरी है। दो, तीन, चार आदि अंक के प्रश्नों के उत्तर लिखने में स्टेप मार्किंग भी होती थी जो इस बार नहीं होगी।

पैटर्न में ढलने को मदद करें अभिभावक

छात्र-छात्राओं के अभिभावक यदि पूरे समय उनकी तैयारी में न बैठ न सकें तब कम से कम 90-90 मिनट बैठने का अभ्यास जरूर करें। बच्चों को दोनों टर्म एग्जाम पर बराबर फोकस रखते हुए तैयारी करने को प्रेरित करें। निरंतर टेस्ट देने में मदद करें। परीक्षा के समय सर्दी बढ़ सकती है, उसके लिए भी बच्चों को तैयार करें। बदले परीक्षा समय के दौरान ही 90 मिनट तक टेस्ट पेपर हल करें। मौसम के अनुरूप खान-पान का ख्याल रखें।

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