Mission 2022: मेरठ में भाजपाइयों को मिला 100 दिनों का होमवर्क, दिग्गजों ने ऐसी बनाई रणनीति
Mission 2022 आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। पश्चिमी उप्र के चुनाव प्रभारी एवं क्षेत्रीय टीम ने रोडमैप बनाया है। कार्यकर्ताओं को 100 दिनों के लिए होमवर्क भी दिया गया है। पार्टी इसबार सटीक रणनीति पर काम रही है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Mission 2022 चुनावी मोड में चल रही भाजपा अगले सौ दिनों तक नान स्टाप कार्यक्रमों में व्यस्त रहेगी। पश्चिमी उप्र के चुनाव प्रभारी एवं करनाल के सांसद संजीव भाटिया, क्षेत्रीय प्रभारी जेपीएस राठौड़ एवं क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने कार्यकर्ताओं के सामने सौ दिनों के कार्यक्रम की रूपरेखा पेश की। क्षेत्रीय टीम से लेकर सभी 14 जिलों की महानगर एवं जिला टीमों के साथ बैठक कर उन्हें दो अक्टूबर से 10 जनवरी 2022 तक कार्यक्रम का होमवर्क थमा दिया है।
राष्ट्रवाद का विजन
संजीव भाटिया ने बताया कि भाजपा 24 घंटे काम करने वाली पार्टी है, जिसके पास मोदी-योगी जैसे चेहरे हैं। राष्ट्रवाद का विजन है, और समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति की चिंता है। पश्चिमी उप्र के जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी एवं कई अन्य पदाधिकारी भी शामिल हुए। संगठन की ताकत पार्टी की रीढ़ क्षेत्रीय प्रभारी जेपीएस राठौड़ ने कहा कि बूथ प्रबंधन पार्टी की जीत का आधार रखेगी। संगठन आधारित पार्टी होने की वजह से कार्यकर्ताओं का दायित्व ज्यादा है।
गन्ना किसानों को भुगतान
क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनीवाल ने बताया क पश्चिमी उप्र उद्यमियों और किसानों का गढ़ है, जिसके लिए प्रदेश सरकार ने कई अभूतपूर्व योजनाओं का संचालन किया है। निवेश बढ़ाने के लिए बिजली और टैक्स समेत कई स्तरों पर छूट दी जा रही है, जबकि गन्ना किसानों का रिकार्ड बकाया भुगतान कर दिया गया। प्रदेश सरकार ने प्रति कुंतल 25 रुपए रेट भी बढ़ाया है।
क्यो हैं 100 दिनों का कार्यक्रम महत्वपूर्ण
पश्चिमी उप्र में किसानों का आंदोलन चल रहा है। मुजफ्फरनगर समेत सभी जिलों में इसका असर है। पंचायत चुनावों में भाजपा को इसका नुकसान भी उठाना पड़ा, लेकिन 2022 में पार्टी इससे उबरना चाहेगी। ऐसे में सौ दिनी कार्यक्रम के तहत किसानों और बेरोजगारों के साथ ही कारोबारियों एवं उद्यमियों को भी साधा जाएगा। भाजपा ने मोर्चा, प्रकोष्ठ एवं विभाग बनाकर कई सामाजिक दायित्वों को भी बांटा है, जिसके जरिए टीकाकरण एवं आयुष्मान भारत योजना का कार्ड बनवाने एवं सरकारी योजनाओं में मदद की जाएगी। केंद्र एवं राज्य सरकार की कल्याणकारी नीतियों को लेकर घर-घर पहुंचेंगे, साथ किसानों की चौखट पर पहुंचकर विरोधियों की घेरेबंदी को तोड़ेंगे।