Mission 2022: पश्चिम के जाटव वोटों को मेरठ से साधेंगे अमित शाह, 14 जिलों के प्रमुख चेहरों संग करेंगे संवाद

Mission 2022 भाजपा ने आगामी विस चुनाव के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। पश्चिमी उप्र में दलित वोटों की संख्या करीब 22 फीसद है जिसमें 12 -14 प्रतिशत जाटव हैं। केंद्रीय गृहमंत्री और रणनीतिकार अमित शाह जल्‍द ही तीन जाटव चेहरों के साथ संवाद करेंगे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sat, 30 Oct 2021 08:01 AM (IST) Updated:Sat, 30 Oct 2021 08:50 AM (IST)
Mission 2022: पश्चिम के जाटव वोटों को मेरठ से साधेंगे अमित शाह, 14 जिलों के प्रमुख चेहरों संग करेंगे संवाद
पश्चिमी उप्र में बसपा का पारंपरिक वोटर रहा है जाटव।

संतोष शुक्ल, मेरठ। Mission 2022 मिशन-2022 के लिए मैदान में उतर चुकी भाजपा की नजर बसपा के वोटबैंक में सेंधमारी पर है। लखनऊ की तर्ज पर पार्टी गाजियाबाद और मेरठ में भी जातीय सम्मेलन आयोजित करेगी। केंद्रीय गृहमंत्री एवं भाजपा के बड़े रणनीतिकार अमित शाह इसी सप्ताह में मेरठ या गाजियाबाद में पश्चिम उप्र के तीन सौ चुनिंदा जाटव चेहरों के साथ संवाद करेंगे।

आक्रामक राजनीति की रणनीति

आगामी विस चुनावों को लेकर भाजपा आक्रामक राजनीति करेगी। लखनऊ में ओबीसी एवं अनुसूचित की कई उपजातियों का अलग-अलग सम्मेलन किया गया। पश्चिमी उप्र में सीएम योगी का गुर्जरों के साथ संवाद कार्यक्रम तय किया गया। अब जाटव वर्ग को साधने के लिए गृहमंत्री अमित शाह का कार्यक्रम तय किया गया है। तीन सौ जाटव चेहरे बुलाए जाएंगे, जिसमें पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व ब्लाक प्रमुख एवं संगठन के पदाधिकारी शामिल हैं। अमित शाह के कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिलों में भी जाटव सम्मेलन आयोजित होंगे, जिसमें पूर्व राज्यपाल एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बेबीरानी मौर्य समेत कई अन्य दलित चेहरे शामिल होंगे।

दलित वोटों की संख्‍या

पार्टी के पदाधिकारियों की मानें तो पश्चिमी उप्र में दलित वोटों की संख्या करीब 22 फीसद है, जिसमें 12-14 प्रतिशत जाटव हैं। भाजपा के सांगठनिक दृष्टि से पश्चिमी उप्र में 71 विस सीटें शामिल हैं, जिसमें दर्जनभर सुरक्षित हैं। जाटव वर्ग बसपा का परंपरागत वोट माना जाता है। वाल्मीकि, खटीक एवं पासी चुनावी बयार में बहते हुए भाजपा के साथ चला गया, लेकिन जाटव वोटों ने मन नहीं बदला। सम्राट मिहिर भोज की मूर्ति से जुड़ा मुद्दा गुर्जरों में खदबदा रहा है। कई भाजपाई गुर्जर नेता पार्टी की सांसत बढ़ा रहे हैं।

भाजपा की घेरेबंदी में विपक्ष

जातियों में सियासी बिखराव से पार्टी के इधर-उधर होने की आशंका पर भाजपा के खेमे में हलचल बढ़ी है। सहारनपुर के आसपास कई जिलों में भीम आर्मी का प्रभाव है। मुस्लिम वोटर भाजपा के खिलाफ एकतरफा लामबंद हो सकते हैं। रालोद और सपा के साथ आने से भी भाजपा की डगर कठिन होगी। वहीं, शामली के दिग्गज कांग्रेसी नेताओं हरेंद्र मलिक एवं पंकज मलिक और मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद कादिर राना के सपा में शामिल होने पश्चिमी उप्र में साइकिल की ताकत बढ़ेगी। ऐसे में भाजपा को 2017 विस चुनावों जैसा प्रदर्शन दोहराने के लिए जाटव जैसे गैर परंपरागत वोटों में सेंध लगानी होगी। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष एवं सम्मेलनों के संयोजक केके शुक्ला ने बताया कि सभी जिलों से प्रमुख जाटव चेहरों की सूची बनाई गई है।

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