बागपत में चमत्कार: दफनाने को ले गए थे श्मशान, गड्डा खोदते ही रोने लग गया नवजात Baghpat News
मृत बच्चे को स्वजन दफनाने के लिए श्मशान घाट ले गए लेकिन गड्ढा खोदते समय अचानक उसकी किलकारी गूंज उठी। इसके बाद मानो मातमी दरिया में खुशियों की हिलोरें उठ गईं।
बागपत, जेएनएन। जिंदगी में कई बार ऐसे वाकयात भी सामने आते हैं, जिन पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। मृत बच्चे को स्वजन दफनाने के लिए श्मशान घाट ले गए लेकिन गड्ढा खोदते समय अचानक उसकी किलकारी गूंज उठी। इसके बाद मानो मातमी दरिया में खुशियों की हिलोरें उठ गईं। स्वजन उसे लेकर घर आ गए लेकिन करीब डेढ़ घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया। इसी के साथ एक बार फिर घर में मातम छा गया। हालांकि, डाक्टर इस मामले को चिकित्सा विज्ञान की नजर से ही देख रहे हैं।
अस्पताल में पैदा हुआ था बच्चा
खट्टा प्रहलादपुर गांव निवासी सोनू की पत्नी ने शुक्रवार को मेरठ के एक प्राइवेट अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। शाम को स्वजन जच्चा-बच्चा को लेकर घर आ गए। शनिवार सुबह बच्चा बीमार हो गया। परिवार वाले बच्चे को गांव में ही चिकित्सक के पास ले गए, जहां जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया गया। साथ गए परिजन दहाड़ें मारकर रो पड़े। घर में शोक पसर गया।
हुआ चमत्कार
घर लौटने के बाद नवजात के शव को दफनाने के लिए श्मशानघाट ले गए। दफनाने के लिए गड्ढा खोदा जा रहा था। इसी बीच अचानक बच्चा रोने लगा। बच्चे का रोना सुनकर दुखी स्वजन खुशी से उछल पड़। इसके बाद स्वजन बच्चे को घर ले गए। इसी बीच करीब डेढ़ घंटे बाद फिर हालात बदले। बच्चे की तबीयत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटना पहली बार हुई है।
मेडिकल साइंस की नजर
नवजात की मौत के कारणों का पता लगाया जाएगा। वैसे नवजात की मौत के कई कारण होते हैं। एपिनिया बीमारी में बच्चे कुछ देर के लिए सांस रोक लेते हैं। हो सकता है इस बीमारी के कारण बच्चे को पहले मृत घोषित कर दिया हो। बाद में अन्य किसी कारण से उसकी मौत हो गई हो। इसके अलावा निमोनिया व ब्लड में शुगर का लेवल कम होने से भी नवजात की जान जा सकती है। किस चिकित्सक ने उसका उपचार किया, इसकी पूरी जांच कराई जाएगी।
- डा. आरके टंडन, सीएमओ