मेरठ का जुबैर हत्याकांड : राजफाश के करीब पहुंची पुलिस, देहरादून में जमीन की हिस्सेदारी में हुआ था मर्डर

Zubair massacre मेरठ के चर्चित जुबैर अंसारी मर्डर केस में पुलिस अब राजफाश के बिल्‍कुल करीब है। ऐसा अनुमान है कि देहरादून में 8100 गज जमीन के मामले में जुबैर को मारा गया। पुलिस ने इस सिलसिले में तीन को हिरासत में लिया था।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 11:30 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 11:30 AM (IST)
मेरठ का जुबैर हत्याकांड : राजफाश के करीब पहुंची पुलिस, देहरादून में जमीन की हिस्सेदारी में हुआ था मर्डर
फतेहयाब, हाजी जब्बार और अफजाल को शक के चलते पुलिस ने पकड़ा था।

मेरठ, जागरण संवाददाता। Zubair massacre मेरठ के जुबैर अंसारी हत्याकांड में पुलिस पर्दाफाश के करीब पहुंच चुकी थी लेकिन हाजी फतेहयाब के बेटे ने आत्महत्या कर विवेचना में बाधा डाल दी है। जांच में आया कि देहरादून सिद्धोवाला में 8100 गज जमीन की हिस्सेदारी में जुबैर अंसारी की हत्या की गई। पुलिस ने हत्या के शक में हाजी फतेहयाब, जब्बार और अफजाल को हिरासत में लिया था।

यह है मामला

सोनीपत के बेग्गा गिन्नौर निवासी शहजाद चौहान, जिया अब्बास निवासी अब्दुल्लापुर और हाजी फतेहयाब ने देहरादून के सिद्धवाला में 8100 गज जमीन में कालोनी काटी थी। सभी का जमीन में 33-33 फीसद हिस्सेदारी थी। शहजाद ने अपने हिस्से की जमीन फतेहयाब को दे दी। फतेहयाब ने इसमें किठौर के ललियाना निवासी हाजी जब्बार और शास्त्रीनगर के अफजाल को भी साझीदार बनाया। शहजाद ने उसके बदले में हाजी फतेहयाब से बिलारी में जमीन और 12 लाख रुपये लिए। इसके बाद जिया अब्बास ने अपनी 33 फीसदी हिस्सेदारी में जुबैर अंसारी और फुरकान को पार्टनर बनाया।

सबसे ज्‍यादा फायदा

जिया अब्बास, जुबैर और फुरकान से 1.69 करोड़ में फतेहयाब जमीन को लेना चाह रहे थे। जुबैर ने देने से इन्कार किया तो विकास नगर में जुबैर और फतेहयाब में विवाद हुआ था। तब जब्बार ने मेरठ से युवकों को ले जाकर जुबैर पर हमला किया था। शास्त्रीनगर में अफजाल के आवास पर भी जुबैर पर हमला किया गया। यानी, जुबैर की हत्या से फतेहयाब, जब्बार और अफजाल को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है। पुलिस जांच में सामने आया कि जिस जमीन पर ये हिस्सेदार लड़ रहे थे, उस जमीन को देहरादून का नीरज शर्मा अपनी बता रहा था।

जावेद हत्याकांड में फतेहयाब और जब्बार पर शक

लिसाड़ीगेट में छह माह पहले हुए जावेद पहलवान हत्याकांड के अलावा जुबैर अंसारी हत्याकांड में भी शूटर एक ही थे। जावेद पहलवान भी जमीन की खरीद- फरोख्त में जब्बार, फतेहयाब तथा फुरकान से जुड़ा था। पुलिस को शक है कि जावेद हत्याकांड में भी जब्बार और फतेहयाब को बचाया गया था। पुलिस मान रही है कि फतेहयाब, फुरकान और जब्बार प्रधान ने ही जावेद पहलवान और जुबैर की हत्या कराई है।

जब्बार के बचाव में एक अफसर की सिफारिश

जावेद हत्याकांड में जब्बार, फतेहयाब और फुरकान को बचाने वाले एक अफसर का कुछ दिन पहले ही जनपद के महत्वपूर्ण पद से स्थानांतरण हुआ है। यह अफसर अब भी जब्बार की पैरवी कर रहे हैं। जब्बार के बेटे नदीम का अफसर के आवास पर आना-जाना था। पुलिस का मानना है कि जावेद हत्याकांड का फर्जी पर्दाफाश किया गया। उस हत्याकांड को भी दोबारा से खोला जा रहा है।

दारोगा के उत्पीडऩ से तंग होकर बेटे ने दी जान: फतेहयाब

मेरठ : फतेहयाब ने बताया कि क्राइम ब्रांच के प्रभारी वरुण शर्मा पिछले 15 दिनों से उनका उत्पीडऩ कर रहे हैं। तीन दिन से उन्हें हिरासत में लेकर उत्पीडऩ किया जा रहा था। वरुण उन्हें जेल भेजना चाहते थे। जुबैर हत्याकांड में कोई साक्ष्य नहीं मिले तो लिसाड़ीगेट में दर्ज हुए जमीन पर कब्जे के मुकदमे में जेल भेजने का दबाव बनाया। फतेहयाब ने वरुण शर्मा पर मोटी रकम मांगने का भी आरोप लगाया है। फतेहयाब ने बताया कि क्राइम ब्रांच से उन्होंने कहा भी कि उनका परिवार परेशान होकर जान दे देगा, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी। फतेहयाब का कहना है कि उनके बेटे सालिम की मौत के जिम्मेदार दारोगा वरुण शर्मा हैं। वे मानवाधिकार आयोग में दारोगा की शिकायत करेंगे। एसपी सिटी विनीत भटनागर का कहना है कि प्रकरण में एसपी क्राइम से रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस जुबैर हत्याकांड की विवेचना भी जारी रखे हुए है।

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