लक्ष्य हासिल करने के लिए रात भर पढ़ने के बाद सुबह पांच बजे सोते थे मेरठ के वत्सल
मेरठ के वत्सल की जेईई एडवांस में 579 वीं रैंक। जेईई एडवांस में 579 वीं रैंक लेकर सफल हुए वत्सल वार्ष्णेय अपने लक्ष्य के लिए कई बार पूरी रात पढ़ते थे। जब सुबह सब लोग सोकर उठते थे वह सोते थे।
मेरठ, जेएनएन। सफलता एक दिन में नहीं मिलती है। इसके लिए नियमित रूप से मेहनत जरूरी है। इसमें रात हो या दिन हो या कोई भी परिस्थिति क्यों न हो। लक्ष्य हमेशा सामने रहता है। जेईई एडवांस में 579 वीं रैंक लेकर सफल हुए वत्सल वार्ष्णेय अपने लक्ष्य के लिए कई बार पूरी रात पढ़ते थे। जब सुबह सब लोग सोकर उठते थे, वह सोते थे। सोमवार को वत्सल अपने मम्मी पापा के साथ शांति निकेतन विद्यापीठ पहुंचे। जहां उनका स्कूल की ओर से सम्मान किया गया।
कोरोना के समय में वत्सल वार्ष्णेय ने शांति निकेतन से 97.9 फीसद अंक के साथ 12वीं उत्तीर्ण की। 10वीं में सीबीएसई के नेशनल टापर रहे वत्सल ने 11वीं से ही जेईई की तैयारी शुरू कर दी। जेईई मेंस में वत्सल ने आल इंडिया में 107 वीं रैंक हासिल की थी। एडवांस का पेपर टफ होने की वजह से उनकी आल इंडिया रैंक 579 रही। स्कूल में पहुंचे वत्सल ने बताया कि वह आगे चलकर दिल्ली आइआइटी से इलेक्ट्रिकल में इंजीनियरिंग करेंगे। जिसकी काउंसिलिंग शुरू होने वाली है।
स्कूल में निदेशक विशाल जैन ने इलेक्ट्रिकल में करियर के बढ़ते अवसरों की जानकारी दी। वत्सल को एक दिशा देने के लिए उनके पिता डा. अनुपम व मां डा. तरंग गोयल को भी सम्मानित किया। वत्सल के पिता डा. अनुपम ने कहा कि स्कूल में वत्सल को पूरा सहयोग मिला है। इस अवसर पर स्कूल की प्रिंसिपल विभा गुप्ता और स्कूल के अन्य शिक्षक और शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।