मेरठ व्यापार मंडल का भारत बंद का समर्थन

कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के 27 को भारत बंद के आह्वान को मेरठ व्यापार मंडल ने समर्थन की घोषणा की है। जिमखाना मैदान के सामने स्थित अपार चेंबर में यह जानकारी संगठन के जिला अध्यक्ष जीतू नागपाल ने दी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 09:30 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 09:30 AM (IST)
मेरठ व्यापार मंडल का भारत बंद का समर्थन
मेरठ व्यापार मंडल का भारत बंद का समर्थन

मेरठ, जेएनएन। कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा के 27 को भारत बंद के आह्वान को मेरठ व्यापार मंडल ने समर्थन की घोषणा की है। जिमखाना मैदान के सामने स्थित अपार चेंबर में यह जानकारी संगठन के जिला अध्यक्ष जीतू नागपाल ने दी। कहा कि सदर बाजार, लालकुर्ती, कंकरखेड़ा, शास्त्रीनगर, रेलवे रोड, सोतीगंज, सदर सर्राफा बाजार बंद रहेंगे। सोमवार को संगठन के पदाधिकारी बाजारों में भ्रमण कर दुकानें बंद कराएंगे। वक्ताओं ने कहा किसान किसान 10 माह से धरने पर बैठे हैं, सरकार को उनसे वार्ता कर सकारात्मक हल तालाश करना चाहिए।

सोमवार को शहर के मुख्य बाजारों में साप्ताहिक बंदी होती है। इस पर जीतू नागपाल ने कहा कि एक चौथाई दुकानें बंदी के बावजूद भी खुली होती हैं। सोमवार को अलग अलग इलाकों में वाहनों से सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक दुकानें बंद करने की अपील करेंगे। जिला प्रमुख शैंकी वर्मा, विपिन चौधरी, तरुण शर्मा, दीपक सिरोही आदि मौजूद रहे।

भारत बंद के आह्वान किया विरोध : अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल की मेजर ध्यानचंद नगर में बैठक हुई। जिसमें पदाधिकारियों ने संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद के आह्वान का विरोध किया। कहा कि व्यापारी और उद्यमी पहले ही कोरोना की मार झेल रहा है। आगामी त्योहारों को देखते हुए बंद उचित नहीं है। अध्यक्षता संजीव अग्रवाल ने की। महानगर अध्यक्ष कुलदीप गुप्ता, कपिल गर्ग, शलभ गर्ग, रौनक कपूर, मयंक अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

हरियाणा, पंजाब से ज्यादा हो गन्ना मूल्य : जयवीर सिंह: सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य 350 रुपये करके किसानों के साथ धोखा किया है। इससे ज्यादा तो हरियाणा व पंजाब में है। वहां पर 360 व 362 रुपये मिलता है। गन्ने का सबसे ज्यादा उत्पादन होने के बावजूद किसानों को उचित मूल्य नहीं मिलता। गन्ने का भुगतान भी समय से नहीं किया जाता है। अभी भी गन्ना मूल्य बकाया है। कहा सरकार को हरियाणा व पंजाब से ज्यादा मूल्य देना चाहिए।

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