मेरठ : भटकने वालों को रास्ता भी बताता है टोल फ्री इमरजेंसी बूथ, जानें प्रयोग करने का तरीका
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर कई स्थानों पर इमरजेंसी टेलीफोन बूथ (बाक्स) लगाए गए हैं। इन बूथों से हर तरह से सहायता मिलती है। इसे एक तरह काल सेंटर भी मान सकते हैं। क्योंकि यहां से फोन मिलाने पर बात कंट्रोल रूम में बैठे हुए सहायकों से होती है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर अगर आप रास्ता भूल गए हैं। आपको जाना था कहीं और। भटक कर पहुंच गए कहीं और। तो इस स्थिति में एक्सप्रेस-वे पर आप घबराएं नहीं। किसी वाहन को रोकने की भी जरूरत नहीं है। आपको एक्सप्रेस-वे के किनारे लगे इमरजेंसी टेलीफोन बूथ से ही रास्ता पता चल जाएगा।
एक्सप्रेस-वे पर कई स्थानों पर लगे हैं इमरजेंसी टेलीफोन बूथ
एक्सप्रेस-वे पर कई स्थानों पर इमरजेंसी टेलीफोन बूथ (बाक्स) लगाए गए हैं। इन बूथों से हर तरह से सहायता मिलती है। इसे एक तरह काल सेंटर भी मान सकते हैं। क्योंकि यहां से फोन मिलाने पर बात कंट्रोल रूम में बैठे हुए सहायकों से होती है। यदि ये बूथ नहीं काम कर रहे हों या फिर उसका प्रयोग न करने का मन हो तो 1033 पर अपने मोबाइल से भी काल कर सकते हैं।
इस तरह से करें बूथ का प्रयोग
एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित बूथ के पास वाहन रोकें। क्रैश बैरियर पार करके उस बूथ के पास जाएं। देखें कि नेटवर्क व चालू जहां लिखा है क्या वहां लाइट जल रही है। यदि लाइट जल रही है तो समझिए बूथ पूरी तरह से काम कर रहा है। अब सबसे ऊपर जहां पर लिखा है यहां दबाएं, उस बटन को दबाएं। बटन दबाने के बाद कुछ ही सेकेंड में दूसरी तरफ से उसी बाक्स में आवास सुनाई देगी। वहां से पूछा जाएगा कि आपकी क्या सहायता की जा सकती है। तब आप रास्ते के बारे में पूछ सकते हैं।
कंट्रोल रूम को पता होता है आप कहां खड़े हैं
जब आप रास्ता भटकते हैं तो अक्सर यह भी नहीं पता होता कि इस समय खड़े कहां हैं। इसलिए इसकी भी ङ्क्षचता करने की जरूरत नहीं है। जिस बूथ से काल करेंगे उससे कंट्रोल रूम के सहायक खुद जान जाते हैं कि एक्सप्रेस-वे के किस स्थान से फोन किया गया है। उसी आधार पर रास्ते के बारे में सहायता की जाती है।