मेरठ : RTPCR जांच में अब भी मिल रहे ज्यादा कोरोना पाजिटिव, क्‍या फिर उभरेगी बीमार, पढ़िए यह खास रिपोर्ट

मेरठ शहर में कोरोना को लेकर हकीकत कुछ जुदा सी दिख रही है। यहां पर पीसीआर जांच में आठ फीसद सैंपलों में संक्रमण मिल रहा थाजबकि एंटीजन में महज एक-दो फीसद में बीमारी मिली। आशंका जताई जा रही है कि यह बीमारी फिर उभर सकती है।

By PREM DUTT BHATTEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 11:00 AM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 11:00 AM (IST)
मेरठ : RTPCR जांच में अब भी मिल रहे ज्यादा कोरोना पाजिटिव, क्‍या फिर उभरेगी बीमार, पढ़िए यह खास रिपोर्ट
मेरठ में कोरोना को लेकर खतरा अभी टला नहीं है। सावधानी जरूरी है।

मेरठ, जेएनएन। जिले में कोरोना संक्रमण में तेजी से कमी आई है, लेकिन आरटी-पीसीआर जांच के आंकड़े अब भी डरा रहे हैं। सभी पाजिटिव मरीज इसी जांच में मिल रहे हैं, जबकि एंटीजन जांच बढ़ती जा रही है। निजी अस्पतालों को एंटीजन किट दे दी गई है। आशंका है कि इस जांच में ज्यादातर पाजिटिव मरीज पकड़ में नहीं आएंगे, और बीमारी फिर उभर सकती है। इंग्लैंड एवं संयुक्त राज्य अमेरिका में बढ़ता संक्रमण दुनियाभर के लिए चिंता का सबब बन गया है।

आठ फीसद सैंपल में संक्रमण

सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि जनवरी की शुरुआत में रोजाना औसतन 30 मरीज मिल रहे थे, जो अब करीब 15 रह गई है। दो जनवरी को सर्वाधिक 51 मरीज मिले थे, उसके बाद आंकड़ा लगातार नीचे गया। इस दौरान 22 जनवरी को सबसे कम सात नए मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग की सितंबर से लेकर नवंबर के मरीजों पर बनी रिपोर्ट बताती है कि पीसीआर जांच में आठ फीसद सैंपलों में संक्रमण मिल रहा था,जबकि एंटीजन में महज एक-दो फीसद में बीमारी मिली। गत दिनों शासन ने सभी प्राइवेट अस्पतालों को एंटीजन जांच किट उपलब्ध कराने के लिए कहा।

पीसीआर जांच ज्‍यादा सेंसटिव

मेडिकल कालेज के माइक्रोबायोलोजिस्ट डा. अमित गर्ग कहते हैं कि ज्यादा वायरल लोड वाले मरीज ही एंटीजन जांच में पाजिटिव मिलते हैं, जबकि पीसीआर जांच ज्यादा सेंसटिव है। एक वक्त मेडिकल कालेज में पीसीआर जांच में 12 फीसद तक पाजिटिविटी मिल गई थी। उन्होंने कहा कि वायरस का व्यवहार बदलता रहता है। ऐसे में जांच में ज्यादा सतर्कता की जरूरत है। जिला सर्विलांस अधिकारी डा. प्रशांत का कहना है कि कोरोना खात्मे की ओर जरूरहै, लेकिन खत्म नहीं हुआ है। ऐसे में पीसीआर जांच बढ़ाकर संक्रमण के अंतिम छोर तक पहुंचा जा सकता है। डा. प्रशांत ने कहा कि हर्ड इम्युनिटी की वजह से वायरस के फैलने की गति कम हो गई है, लेकिन वायरस हमारे बीच मना हुआ है। माना जा रहा है कि आरटी-पीसीआर जांचों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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