मेरठ : पुलिस ने आंखमूंद कर लगाई थी रिपोर्ट, रोहिंग्या का जारी हुआ पासपोर्ट, कार्यवाही पर सवाल
मेरठ में हाफिज समेत अन्य सभी लोगों ने पूछताछ में बताया कि पासपोर्ट से पहले वोटर आइडी कार्ड बनवाया था। उसके बाद आधार कार्ड बनवाया। फिर पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के बाद खरखौदा और ब्रह्मपुरी पुलिस ने जांच की।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ जनपद में निवास करने के बाद रोहिंग्या ने वोटर आइडी कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक बनाकर विदेश यात्रा कर डाली। सवाल है कि पुलिस ने पासपोर्ट बनवाते समय जांच रिपोर्ट किस आधार पर लगा दी थी। एटीएस की जांच में सामने आया है कि खरखौदा और ब्रह्मपुरी थाने से पासपोर्ट की रिपोर्ट लगाई है। ऐसे में दोनों थाना पुलिस की कार्यवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
पुलिस ने की थी जांच
हाफिज समेत अन्य सभी लोगों ने पूछताछ में बताया कि पासपोर्ट से पहले वोटर आइडी कार्ड बनवाया था। उसके बाद आधार कार्ड बनवाया। फिर पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। पासपोर्ट के लिए आवेदन करने के बाद खरखौदा और ब्रह्मपुरी पुलिस ने जांच की। पुलिस की रिपोर्ट के बाद एलआइयू ने भी आफिस से ही अपनी रिपोर्ट लगा दी। उसके बाद एएसपी स्तर के अधिकारी की जांच के बाद पासपोर्ट कार्यालय को रिपोर्ट भेजी गई। यदि थाना पुलिस सही तरीके से जांच करती तो रोहिंग्या को समय रहते ही पकड़ लिया जाता। एटीएस के सीओ अतुल यादव का कहना है कि शीर्ष अफसरों के आदेश पर रोहिंग्या के पासपोर्ट बनवाने की जांच की जाएगी।
जनसंख्या संतुलन बदलने की भी साजिश
सूबे में जहां रोहिंग्या महिलाओं की पहचान बदलकर उनकी शादी कराई जा रही है, वहीं रोहिंग्या पुरुष भी भारतीय महिलाओं से शादी कर रहे हैं। इसके पीछे रोहिंग्या को देश के नागरिक के रूप में स्थापित कर जनसंख्या अनुपात को परिवॢतत करने के बड़े खेल को भी नकारा नहीं जा सकता। फर्जी पहचान पत्रों के जरिये रोहिंग्या के भारतीय नागरिक के रूप में स्थापित होने से आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा उत्पन्न हो रहा है। पुलिस व खुफिया तंत्र ने इसे लेकर सक्रियता बढ़ाई है।