Meerut Panchayat Chunav: जीत ने मिटाए शिकवे, हार ने बनाए अपने, घर-घर जाकर लिया आशीर्वाद

मेरठ में पंचायत चुनाव परिणाम के बाद गांव-गांव का नजारा इसबार बदला हुआ था। जीत के बाद घर-घर जाकर ले रहे आशीर्वाद नहीं निकाले गए जुलूस। सरकार ने विजयी जुलूसों पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। घर घर जीते उम्‍मीदवारों के आने से लोग भी खुश थे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 07:40 PM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 07:40 PM (IST)
Meerut Panchayat Chunav: जीत ने मिटाए शिकवे, हार ने बनाए अपने, घर-घर जाकर लिया आशीर्वाद
पंचायत चुनावों के परिणाम के बाद इस नजारा बदला हुआ था।

मेरठ, जेएनएन। कोरोना महामारी काल में हुए पंचायत चुनाव के बाद इस बार काफी कुछ बदला हुआ है। चुनाव परिणाम आने के बाद गिनती के गांवों को छोड़ दें तो अन्य गांवों में विजय जुलूस नहीं निकाले गए। जीत के बाद अधिकांश विजेताओं ने गांव के हर घर कर चक्कर लगाया और हर ग्रामीण से आशीर्वाद भी लिया। जबकि हार के बाद मंथन में जुटे प्रत्याशियों ने भी मतदान के रूप में मिले जनादेश को स्वीकार कर लिया है। यहीं कारण रहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद कुछ ही लोगों ने चुनाव में धांधली होने या फिर से मतगणना की मांग की।

पहले हो चुके हैं हंगामें

वर्ष 2015 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान काफी हंगामे हुए थे। परिणाम आने के बाद शायद ही ऐसा कोई गांव बचा हो जहां विजय जुलूस न निकाले गए हों। विजय जुलूस निकालने के कारण तमाम गांवों में नई रंजिश भी शुरू हुई और अब तक कई गांव सुलग रहे थे। उधर, इस बार हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कोरोना को लेकर अव्यवस्था जरूर सामने आई, लेकिन जनपद के किसी भी गांव में चुनाव से पहले या बाद में कोई गंभीर अप्रिय घटना नहीं हो सकी। इसके अलावा जीत हासिल करने के बाद गांव पहुंचे विभिन्न पदों के विजेताओं ने गांव में जुलूस आदि से भी दूरी बनाई। हालांकि घर-घर जाकर ग्रामीणों से आशीर्वाद जरूर लिया।

मतदाता भी खुश

घर-घर जाने से विपक्षी दल के मतदाता भी खुश नजर आए और शिकवे दूर होने की उम्मीद जागी। उधर, हार का सामना करने वाले प्रत्याशियों ने भी इस बार जनादेश को शांति से स्वीकार किया और हंगामा आदि न कर शांति से घर चले गए। इसे लोगों की समझ कहे या कोरोना का डर कि पहली बार ऐसा हुआ कि मात्र पांच ही लोगों ने फिर से मतगणना कराने या धांधली होने की शिकायत अधिकारियों से की। इसके अलावा हार का सामना करने वाले प्रत्याशियों ने अपनी हार पर मंथन किया और मत के रूप में मिले ग्रामीणों के साथ को अपना मान लिया।

chat bot
आपका साथी