Meerut Panchayat Chunav: हिरासत में सुशील फौजी की मां, कुख्‍यात योगेश की भाभी ने किया नांमाकन, भदौडा गांव में तनाव

भदौडा गांव में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर तनाव बन गया है। ग्राम पंचायत चुनाव में नांमाकन करने गई उधम सिंह के साथी की मां को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। वहीं योगेश भदौड़ा की भाभी ने पर्चा भर दिया है। गांव में पुलिस बलतैनात है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 02:48 PM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 09:01 AM (IST)
Meerut Panchayat Chunav: हिरासत में सुशील फौजी की मां, कुख्‍यात योगेश की भाभी ने किया नांमाकन, भदौडा गांव में तनाव
भदौडा गांव में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर तनाव।

मेरठ, जेएनएन। कुख्‍यात योगेश भदौडा के गांव में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर तनाव बन गया है। उधम सिंह के साथी सुशील फौजी ने अपनी मां गुड्डी को ग्राम पंचायत चुनाव के लिए नामांकन कराने ले गया, जिसे पुलिस ने लाइन से निकालकर हिरासत में थाने ले आई, जबकि योगेश भदौडा की भाभी कविता भदौडा का नामांकन करा दिया गया। जिसे लेकर भदौडा गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। किसी की स्थिति खराब न हो इसके लिए पुलिस सुरक्षा व्‍यवस्‍था में जुटी हुई है।

भदौडा गांव में नामांकन को लेकर पहले दिन ही तनाव की स्थिति बन गई है। योगेश भदौडा की तरफ से उसके भाई प्रमोद भदौडा की पत्नी कविता चुनाव मैदान में है, जबकि उधम सिंह की तरफ से उसके साथी सुशील फौजी की मां गुड्डी भी चुनाव की तैयारी कर रही है। मंगलवार को गुड्डी और कविता दोनों ही नामांकन के लिए ब्लॉक में गई थी। बताया जाता है कि सीओ सरधना ने गुड्डी को नामांकन की लाइन से हिरासत में ले लिया। उसके बाद सरूरपुर थाने में रखा गया है।

सुशील फौजी का आरोप है कि प्रमोद की पत्नी कविता का पुलिस ने नामांकन करा दिया है। पुलिस चाह रही है कि योगेश भदौडा की भाभी कविता निर्विरोध प्रधान बन जाए। सुशील फौजी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से भी की है। सीओ सरधना का कहना है कि उन्होंने गुड्डी को हिरासत में नहीं लिया है। ना ही मामला उनकी जानकारी में है,जबकि गुड्डी सरूरपुर थाने में बैठी हुई है।

गांव में पुलिस तैनात: इस मामले को लेकर पुलिस ने तैयारी कर ली है। किसी तरह की स्थिति खराब न हो इसके लिए गांव में भारी पुलिस बल तैनात की गई है। साथ ही पुलिस खुपिया तरह से भी नजरे जमाए हुए है। बता दें कि इस मांग में पहले से लेकर तनाव बना रहता है और जब चुनाव आता है तो और भी गांव में तनातनी का मामला बढ़ जाता है। 

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