मेरठ: वन विभाग की 37.69 हेक्टेयर जमीन पर कब्जा लेने का आदेश, हवाई पट्टी विस्तार के लिए दी गई थी भूमि
परतापुर हवाई पट्टी के विस्तार के लिए नागरिक उड्डयन विभाग को दी गई वन विभाग की 37.69 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जों की शिकायतें मिल रही हैं। कमिश्नर ने डीएम एसएसपी और डीएफओ को इस जमीन से अवैध कब्जों को हटवाकर कब्जा लेने का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। परतापुर हवाई पट्टी के विस्तार के लिए नागरिक उड्डयन विभाग को दी गई वन विभाग की 37.69 हेक्टेयर जमीन पर अवैध कब्जों की शिकायतें मिल रही हैं। कमिश्नर ने डीएम, एसएसपी और डीएफओ को इस जमीन से अवैध कब्जों को हटवाकर कब्जा लेने का आदेश दिया है। इस जमीन के बदले नागरिक उड्डयन विभाग ने पास में ही वन विभाग को इसके बराबर जमीन उपलब्ध कराई है।
परतापुर स्थित हवाई पट्टी का विस्तार करके यहां से आम जनता के लिए विमान की उड़ान शुरू कराने का प्रयास वर्षो से चल रहा है। 72 सीटर तक छोटे विमान उड़ाने के लिए हवाई पट्टी की मौजूदा जमीन के अलावा 70.62 हेक्टेयर जमीन की आवश्यक्ता जताई गई है। जिसमें किसानों की 29.04 हेक्टेयर और एमडीए की 2.45 हेक्टेयर जमीन शामिल होगी। बाकी 37.69 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है। यह जमीन नागरिक उड्डयन विभाग को हैंडओवर की जा चुकी है। लेकिन इस जमीन पर अवैध कब्जों की शिकायतें मिल रही हैं। कब्जों को हटाने का निर्देश दिया गया है।
जमीन पर कब्जा लें डीएम
कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि हवाई पट्टी के लिए ली गई जमीन के बदले में उतनी ही जमीन वन विभाग को उसी क्षेत्र में नागरिक उड्डयन विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई है। हवाई पट्टी की जमीन पर कुछ क्षेत्रीय लोगों द्वारा कब्जा कर लिए जाने की सूचनाएं मिल रही हैं। जिलाधिकारी, एसएसपी और डीएफओ को इस जमीन को अवैध कब्जों से मुक्त करके अपने कब्जे में लेने का आदेश दिया गया है।
कौन वहन करेगा घाटा, 14 को बैठक
मेरठ की हवाई पट्टी से छोटे विमान उड़ाने के लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लि. (डायल) द्वारा सहमति दिए जाने के साथ ही मेरठ से उड़ान की सभी बाधाएं खत्म मानी जा रही थी। लेकिन अब मेरठ से उड़ान में नुकसान की आशंका जताते हुए इस घाटे की भरपाई का सवाल उठ रहा है। डायल का कहना है कि घाटा उत्तर प्रदेश सरकार वहन करे। इन सभी मुद्दों को लेकर मेरठ की हवाई पट्टी के संबंध में 14 जुलाई को आनलाइन बैठक होगी। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से सचिव नागरिक उड्डयन, एयरपोर्ट अथारिटी के अधिकारी, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि तथा डायल के पदाधिकारी शामिल होंगे। कमिश्नर ने बताया कि इस बैठक में हवाई पट्टी को लेकर कोई ठोस फैसला लिया जा सकता है।