आलू क्रेता-विक्रेता समागम में मेरठ के अधिकारी ने बताया- कैसे मिलेगा किसानों को लाभ

कार्यक्रम में मेरठ मंडल के उद्यान विभाग उप निदेशक पंकज कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में आलू के किसानों व्यापारियों आढ़तियों व मंडी प्रतिनिधियों को संबोधित किया। आलू समागम मीट में प्रदेश भर के कई जनपदों से आलू के किसान भी पहुंचे थे।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Mon, 01 Mar 2021 12:58 PM (IST) Updated:Mon, 01 Mar 2021 12:58 PM (IST)
आलू क्रेता-विक्रेता समागम में मेरठ के अधिकारी ने बताया- कैसे मिलेगा किसानों को लाभ
मैसूर में आलू क्रेता-विक्रेता समागम का आयोजन किया गया।

मेरठ, जेएनएन। किसानों को आलू के सही दाम और मांग आपूर्ति के बीच सामंजस्य बनाने के लिए कर्नाटक के मैसूर में उप्र सरकार द्वारा गठित मार्केटिंग फेडरेशन की ओर से पोटाटो बायर सेलर मीट (आलू क्रेता-विक्रेता समागम) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मेरठ मंडल के उद्यान विभाग उप निदेशक पंकज कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में आलू के किसानों, व्यापारियों, आढ़तियों व मंडी प्रतिनिधियों को संबोधित किया। आलू समागम मीट में प्रदेश भर के कई जनपदों से आलू के किसान भी पहुंचे थे। आलू के किसानों और व्यापारियों के बीच वार्ता करते हुए उन्हें सही दाम दिलाने के लिए प्रेरित किया गया।

उप्र के किसानों को मिलेगा यह लाभ

मेरठ मंडल के उद्यान विभाग उप निदेशक पंकज कुमार ने बताया कि इस समागम का मुख्य उद्​देश्य आलू के किसानों को लाभ पहुंचाना होता है। आलू के दाम जिस प्रदेश में अधिक होते हैं, वहां के व्यापारियों को कम दाम वाले प्रदेश के किसानों से मिलवाया जाता है। जिस जगह पर आलू के दाम कम होते हैं, वहां के किसान अधिक कीमत वाली जगहों पर पहुंचकर अपनी फसल को बेच सकते हैं।

उन्होंने बताया कि उदाहरण के लिए कर्नाटक के मैसूर में आलू का उत्पादन बेहद कम होता है और उत्तर प्रदेश में अधिक होता है। इसलिए मैसूर के व्यापारियों और आढ़तियों को उप्र के किसानों से सीधे मुलाकात कर उनके मोबाइल नंबर भी आदान-प्रदान कराए गए हैं। समागम में आगरा, कन्नौज व फिरोजाबाद आदि जिलों से आलू के किसान पहुंचे थे। उप निदेशक उद्यान ने बताया कि देश में विजयवाड़ा, गुवाहाटी, रांची व मैसूर आदि ऐसे स्थान हैं। जहां पर आलू का उत्पादन न्यूनतम होता है।  

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