नई मुसीबत : रेमडेसिविर से बिगड़ी दर्जनों मरीजों की हालत, कोविड अस्‍पतालों में मचा हड़कंप

रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी के बीच शुक्रवार को नई मुसीबत सामने आ गई। रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद देर रात दर्जनों मरीजों की हालत बिगड़ गई। इसे लेकर कई मरीजों ने अलग- अलग समस्‍याओं की शिकायत की। इससे कोविड अस्पतालों में हड़कंप मच गया।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 09:09 AM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 09:09 AM (IST)
नई मुसीबत : रेमडेसिविर से बिगड़ी दर्जनों मरीजों की हालत, कोविड अस्‍पतालों में मचा हड़कंप
मेरठ में रेमडेसिविर लगाने से दर्जन मरीजों की हालत बिगड़ गई।

मेरठ, जेएनएन। रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर मारामारी के बीच शुक्रवार को नई मुसीबत सामने आ गई। रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद देर रात दर्जनों मरीजों की हालत बिगड़ गई। कई मरीजों ने ठंड ज्यादा लगने की शिकायत की तो कुछ ने घबराहट आदि की समस्या बताई। इससे कोविड अस्पतालों में हड़कंप मच गया। डाक्टरों ने बताया कि नए बैच के इंजेक्शन लगने से ऐसा हुआ है। इस बैच के इंजेक्शन की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।

रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड के गंभीर मरीजों को दिया जाता है। एक मरीज को इसकी कुल छह डोज देते हैं। शुक्रवार रात आनंद अस्पताल एवं लोकप्रिय समेत कई अन्य अस्पतालों में भर्ती मरीजों को इंजेक्शन लगाने के बाद उनमें रिएक्शन हो गया। मरीजों ने बेहद तेज ठंड लगने, धुंधला दिखने, घबराहट, सांस फूलने एवं कमजोरी की शिकायत की। डाक्टरों ने कारण खोजा तो पता चला कि रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों की तबीयत बिगड़ी थी। पीपीई किट पहनकर स्टाफ अंदर गया और मरीजों की जांच की गई। अस्पतालों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग को दी। इस बैच के सभी इंजेक्शन वापस मंगाए गए। एसीएमओ डा. पूजा शर्मा ने बताया कि रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को भेज दी गई है। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि अस्पताल वालों ने नए बैच के रेमडेसिविर से रिएक्शन की बात कही है। शासन को सूचित कर दिया गया है। शनिवार को विशेष सैंपलिंग कराई जाएगी। मरीजों की हालत में सुधार है। शुक्रवार को व्यक्तिगत स्तर पर लेने गए 258 लोगों को प्रशासन की अनुमति के बाद इंजेक्शन उपलब्ध कराए गए थे।

मेडिकल कालेज में भी समस्या

सूत्रों ने बताया कि मेडिकल कालेज में भी पिछले दो दिन रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के बाद मरीजों में इस तरह की समस्या आ रही है लेकिन इसे पूरी तरह गोपनीय रखा जा रहा है। खुद पर कोई आंच न आए इसलिए यहां पर अब जिस मरीज को यह इंजेक्शन लगाया जा रहा है उसके स्वजन से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है। 

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