Plantation Week: पौधारोपण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए वनस्पति विज्ञानियों ने क्या सुझाए तरीके, जानिए Meerut News
जुलाई के प्रथम सप्ताह में लाखों पौधे लगाए जाते हैं। हरियाली से समाज में खुशहाली आए इसके लिए हर साल अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल भी किया जाता है।
मेरठ, जेएनएन। Plantation Week मेरठ सहित पूरे प्रदेश को हरा-भरा बनाने के लिए हर साल जुलाई के प्रथम सप्ताह में लाखों पौधे लगाए जाते हैं। हरियाली से समाज में खुशहाली आए, इसके लिए हर साल पिछले वर्ष से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित कर उसे हासिल भी किया जाता है। इसके बाद भी जनपद के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल की 2.7 फीसदी भूमि हरित आवरण हो सकी।
वनस्पति विज्ञानियों के तरीके
लाखों की संख्या में पौधे रोपे जाने के बाद भी वनावरण में बेहद धीमी चाल से होने के पीछे वनस्पति विज्ञानी कई कारण बताते हैं। इसमें उपयोगी प्रजाति के पौधों का न रोपा जाना, सही भूमि का चुनाव न करने के अलावा पुराने पौधों की सिंचाई व रखरखाव न होना प्रमुख हैं। ऐसे में पौधों का वृक्ष बनने तक का सफर जटिल बनता जा रहा है। आइए जानते हैं पौधारोपण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए वनस्पति विज्ञानियों द्वारा सुझाए गए तरीके।
प्रत्येक पौधे को सुरक्षित रखने की तय हो जिम्मेदारी
डीएन कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डा. एके शुक्ला बताते हैं कि किसी भी सर्वाइवल दर का पौधा हो, अगर उसे शुरुआती दौर में बेहतर रखरखाव नही मिलेगा तो वह मर जाएगा। उच्च सर्वाइवल दर वाले पौधे भी समय से पानी और पोषक तत्व न मिलने पर नष्ट हो जाते हैं। इसके लिए जरूरी है पौधारोपण के समय ही प्रत्येक पौधे के हिसाब से उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी तय हो।
उपयोगी पौधों का भी सर्वाइवल रेट अच्छा
वनस्पति विज्ञानी बताते हैं कि बुरे पौधे की तुलना में अच्छे पौधों का भी सर्वाइवल रेट (जीवित रहने की क्षमता)अच्छा है। इनमें बेर, जामुन, पीपल, नीम आदि प्रमुख हैं। छायादार, फलदार और फूल देने वाले पौधों की कई किस्म हैं, जिनकी सर्वाइवल दर अच्छी है। उपयोगी पौधे रोपे जाने से लोग इन्हें सहेजने के लिए आगे आएंगे।
रोपित पौधों के लिए मिले ट्री-गार्ड, तब बढ़ेंगे पौधे
साल-दर-साल पौधे तो रोपित किए जाते रहे है लेकिन, उन्हें सुरक्षित रखने के लिए ट्री गार्ड नही लग पाते और नतीजतन पौधा क्षतिग्रस्त होने से विकसित नही हो पाता। शहरी क्षेत्र में लिए भू-भाग कम होने से ज्यादातर पौधे ग्रामीण इलाकों में ही रोपे जाते हैं। जहां न के बराबर ही पौधों को ट्री-गार्ड लगाकर सुरक्षित किया जाता है।
औषधीय पौधों पर दिया जाए जोर
औषधीय पौधे का प्रचीन समय से महत्व रहा है। इसके लिए बेल, नीम, मेंहदी, सहजन, आंवला पौधे लगाने पर जोर दिया जाना चाहिए। कोरोना काल में लोग इनका महत्व भी समङो हैं। इनके उपयोग से लोग भी स्वस्थ्य रहेंगे।
- डॉ. एनपी सिंह एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, मेरठ कॉलेज।
मजबूत होने तक पौधे की नियमित देखभाल जरूरी
एक पौधे को मजबूत होने में एक से दो साल तक का समय लग जाता है। अगर ऐसे में बीच में पौधे की देखरेख बंद हो जाती है तो पौधा कमजोर होकर सूख जाता है। पौधे का विकास अवरुद्ध होने पर दोबारा विकसित होने में काफी समय लग जाता है। शुरू से ही पौधे की देखभाल हो।
- डा. एके शुक्ला, प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान, डीएन कॉलेज।