मेरठ : मेडिकल इमरजेंसी में ऑक्‍सीजन खत्म होने से मचा हड़कंप, बाहर निकलकर भागने लगे मरीज

ऑक्‍सीजन का भयावह संकट मेडिकल कालेज के सिर पर मंडरा रहा है। गुरुवार को हालात अचानक भयावह हो गए जब इमरजेंसी वार्ड में ऑक्‍सीजन के प्रेशर कमजोर पड़ने से मरीजों की सांस घुटने लगी। मरीज बाहर निकलकर भागने लगे।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 09:35 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 09:35 AM (IST)
मेरठ : मेडिकल इमरजेंसी में ऑक्‍सीजन खत्म होने से मचा हड़कंप, बाहर निकलकर भागने लगे मरीज
ऑक्‍सीजन खत्‍म होते ही मरीज भागने लगे।

मेरठ, जेएनएन। ऑक्‍सीजन का भयावह संकट मेडिकल कालेज के सिर पर मंडरा रहा है। गुरुवार को हालात अचानक भयावह हो गए, जब इमरजेंसी वार्ड में ऑक्‍सीजन के प्रेशर कमजोर पड़ने से मरीजों की सांस घुटने लगी। मरीज बाहर निकलकर भागने लगे। मरीजों के तीमारदारों के बीच छीनाझपटी शुरू हो गई। हालात बेकाबू हो गए।

घबराए स्वजन ने प्राचार्य समेत कई अधिकारियों को फोन किया, पर कहीं से कोई समाधान नहीं मिला। अफरा तफरी के माहौल में चिकित्सकों ने कुछ सिलेंडरों का बंदोबस्त किया। एक सिलेंडर से दो-दो मरीजों को ऑक्‍सीजन देनी पड़ी। शाम को ऑक्‍सीजन का टैंकर मेडिकल कालेज पहुंचा, जिसके घंटों बाद आक्सीजन आपूर्ति बहाल की जा सकी। इधर, मेडिकल कालेज प्रबंधन का कहना है कि मेडिकल में पाइप्ड गैस की व्यवस्था है। प्रेशर लो होने की वजह से कुछ दिक्कत हुई थी लेकिन स्थिति तत्काल नियंत्रित कर ली गई। चूंकि इन दिनों आक्सीजन का हौव्वा ज्यादा है लिहाजा मरीज और तीमारदार भी ज्यादा घबरा गए।

मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में दो दिन पहले भी ऑक्‍सीजन खत्म हुई थी। प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया, और गुरुवार को एक हादसा होते-होते बचा। ऑक्‍सीजन खत्म होने की सूचना पर घबराए स्वजनों ने प्राचार्य आफिस घेरा। कैंपस में हंगामा कर दिया। जिसके बाद चिकित्सा प्रशासन हरकत में आया। करीब चार बजे से सात बजे तक मेडिकल इमरजेंसी की यही हाल रहा।

गलियारे में मरीज, स्ट्रेचर पर इलाज

मेडिकल के कोविड वार्ड के साथ इमरजेंसी के हालात भी अब अनियंत्रित होते जा रहे हैं। पहले बेड फुल होने फिर एक बेड पर दो के इलाज के बाद भी मरीजों की संख्या बढ़ी तो लोग फर्श पर ही बैठ-लेट गए। जैसे-तैसे उन्हें ग्लूकोज चढ़ाने और दूसरे इलाज दिए गए। इतना ही नहीं, शाम होते-होते स्लैब की खाली जगह पर भी मरीज लेटे मिले। और तो और स्ट्रेचरों पर भी इलाज करना पड़ा। 

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