मेरठ : श्मशान दे रहा भयावह हालात के प्रमाण, शवों के अवशेषों को खींचते नजर आए कुत्ते
मेरठ श्मशान घाट में वेदियां कम पड़ गईं तो लोगों ने जमीन पर ही अंतिम संस्कार किया। इस बीच कुछ हृदयविदारक दृश्य भी नजर आए जब व्यवस्था की कमी की वजह से आवारा कुत्ते श्मशान घाट में प्रवेश कर गए और शवों के अवशेषों को खींचते नजर आए।
मेरठ, जेएनएन। रविवार को भी श्मशान घाट में दारुण दृश्य देखने को मिले। वेदियां कम पड़ गईं तो लोगों ने जमीन पर ही अंतिम संस्कार किया। हालात यह हो गए कि श्मशान की पार्किंग एरिया में जगह नहीं बची। ऐसे में जो पहले के जले शव थे, उनके फूल भी नहीं चुगे जा सके और स्थान को साफ कराया गया। रविवार को दस से ज्यादा महिलाओं का अंतिम संस्कार हुआ।
साफ-सफाई न होने की स्थिति में और शवों का अंतिम संस्कार मुश्किल था। इस बीच कुछ हृदयविदारक दृश्य भी नजर आए जब व्यवस्था की कमी की वजह से आवारा कुत्ते श्मशान घाट में प्रवेश कर गए और शवों के अवशेषों को खींचते नजर आए। दूसरी ओर, अपनों को खोने के गम में कोई सुबकता नजर आया तो कोई बेसुध दिखा। कुल मिलाकर संक्रमण पर काबू न पाने से स्थितियां बेहद भयावह होने लगी हैं और इसका प्रत्यक्ष प्रमाण श्मशान में दिख रहा है।
घरों में उड़कर पहुंच रही चिता की राख
सूरजकुंड श्मशानघाट पर कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार पार्किंग क्षेत्र में किया जा रहा है। यहां जलती चिता से उठते धुएं और उड़ती राख श्मशानघाट के आसपास रहने वाले लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है। बच्चे छत पर से जलती चिता देख दहशत में आ रहे हैं। स्थानीय लोगों ने परेशानी का वीडियो वायरल कर समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगाई। जिसके बाद भाजपा नेता आशीष अग्रवाल ने उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन से शिकायत की। मामले में शासन ने नगर निगम अधिकारियों से रिपोर्ट ली। जिसके बाद नगर आयुक्त मनीष बंसल ने मुख्य अभियंता यशवंत कुमार को निर्देश दिया कि पार्किंग क्षेत्र में दीवार के उन हिस्सों में व्यू कटर लगा दिए जाएं जो खुले हैं। सोमवार से कार्य शुरू करने को कहा।
बेटे के सिर पर सेहरा देखने से पहले ही तू चली गई
कंकरखेड़ा निवासी सुनील के मुताबिक राजधानी में लाकडाउन लगने की वजह से उनका बेटा राहुल दिल्ली से मेरठ आ गया था। कुछ समय बाद उसकी रिपोर्ट पाजिटिव आई। संक्रमण ने उसकी बुजुर्ग मां सुशीला देवी को भी अपनी चपेट में ले लिया। राहुल तो ठीक हो गया लेकिन मां की हालत और बिगड़ गई। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। शनिवार देर रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। अपनी मां को अंतिम विदाई देकर राहुल की आंखें भर गईं। उसने कहा मां तू तो अपने बेटे के सिर पर सेहरा देखने के सपने संजोए थी। लेकिन उससे पहली ही छोड़कर चली गई। आज कितना बेबस हूं मैं।