मेरठ मेडिकल कालेज का अजब हाल : कोरोना संक्रमित मरीज का हाल जानना है तो देने होंगे दो हजार
कोरोना संकट क्या क्या देखने को नहीं मिल रहा है। संवेदनाएं मर चुकी हैं। यहां मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती संक्रमित स्वजन से अगर आप बात करना चाहते हैं या उसकी स्थिति की जानकारी करना चाहते है तो अपको दो हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
मेरठ, जेएनएन। मेरठ मेडिकल कालेज में भर्ती संक्रमित स्वजन से अगर आप बात करना चाहते हैं या उसकी स्थिति की जानकारी करना चाहते है तो अपको दो हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं। ऐसा हम नहीं कर रहे, ऐसा यहां हो रही मांग और लोगों की लगातार आ रही शिकायतें बता रही है। ऐसी ही रुपयों की मांग से परेशान होकर वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोविड वार्ड के नोडल अधिकारी से शिकायत दर्ज कराते हुए सुधार की मांग भी की है। जिस पर अधिकारी ने जांच करने की बात कही है।
यह है मामला
गढ़ रोड स्थित राजनगर निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र कुमार शर्मा के चचेरे भाई गांव इकड़ी निवासी को पांच दिन पहले कोरोना से संक्रमित होने पर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था। भर्ती होने के बाद मरीज के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। इस के बाद स्वजन ने पूछताछ केंद्र और कोविड वार्ड में तैनात मेडिकल स्टाफ से संपर्क कर जानकारी हासिल करने का प्रयास किया। बातचीत के दौरान मेडिकल स्टाफ ने दो हजार रुपये की मांग करते हुए मरीज के संबंध में जानकारी देने की शर्त सामने रख दी। परेशान होकर स्वजन ने अधिवक्ता के समक्ष अपनी पीड़ा को रखा। अधिवक्ता ने भी कोविड वार्ड के नोडल अधिकारी डा. सुधीर राठी से इस संबंध में शिकायत की। जिस पर उन्होंने जांच करने का आश्वासन दिया।
नहीं मिल रहा मानदेय, कैसे चलाए घर
प्रकरण में दूसरा पहलू भी सामने आया कि रुपयों की मांग करने वालों ने बातचीत के दौरान बताया कि वह संविदा पर रखे गए है। पिछले सात माह से मानदेय नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में कोविड वार्ड में तैनात होने के कारण हर समय संक्रमण की चपेट में आने का खतरा भी बना रहता है और घर भी चलाना होता है। इस कारण संक्रमित मरीजों के स्वजन से रुपयों की मांग की जाती है।