Meerut Medical College: बढ़ा दिल का रोग तो जल्द शुरू करनी पड़ी कार्डियक यूनिट, चिकित्‍सक अलर्ट मोड पर

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र ने बताया कि हार्ट क्लीनिक शुरू कर दिया गया है। डा. धीरज सोनी हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं वहीं कार्डियक सर्जन भी नियुक्त किए गए हैं। कोरोना संक्रमण दिल के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हुआ है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 01:00 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 01:00 PM (IST)
Meerut Medical College: बढ़ा दिल का रोग तो जल्द शुरू करनी पड़ी कार्डियक यूनिट, चिकित्‍सक अलर्ट मोड पर
मेरठ में पोस्ट कोविड फेज में कई मरीजों को करानी पड़ी एंजियोप्लास्टी।

मेरठ, जेएनएन। Meerut Medical College कोरोना संक्रमण दिल के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हुआ। बड़ी संख्या में मरीजों में खून का थक्का बनने, दिल फैलने, एंजाइना पेन और हार्ट अटैक के लक्षण मिले हैं। मरीजों को नई दिल्ली रेफर करना पड़ रहा था, ऐसे में मेडिकल कालेज ने सुपरस्पेशियलिटी ब्लाक में कार्डियक ओपीडी शुरू कर दी है। जल्द ही मरीजों की एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी और कार्डियक सर्जरी शुरू की जाएगी। मेडिकल प्रशासन ने तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों को अलर्ट कर दिया है।

स्टेंट डलेंगे, सर्जरी भी होगी

मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र ने बताया कि हार्ट क्लीनिक शुरू कर दिया गया है। डा. धीरज सोनी हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं, वहीं कार्डियक सर्जन भी नियुक्त किए गए हैं। प्राचार्य ने बताया कि कोविड वार्ड में भर्ती कई मरीजों को दिल की जांच के तहत एंजियोग्राफी व एंजियोप्लास्टी और सर्जरी के लिए दिल्ली रेफर करना पड़ता था, लेकिन प्रदेश शासन ने मेडिकल कालेज में हृदय रोगों के इलाज के लिए कहा है। वेस्ट यूपी के सरकारी चिकित्सालय में पहली बार हार्ट की सर्जरी भी की जा सकेगी।

हार्ट क्लीनिक क्यों है जरूरी

कोविड वार्ड में ज्यादातर गंभीर मरीज मिले। पहली लहर में करीब 23, जबकि दूसरी लहर में कई बार 45 प्रतिशत मरीजों की मौत हो गई। चिकित्सकों ने बताया कि कोरोना वायरस खून को गाढ़ा करता है। खून में चिपचिपापन बढऩे से कई मरीजों में खून के थक्के बने। हार्ट अटैक से ज्यादा मौतें हुईं। साथ ही ठीक होकर घर जाने वाले मरीजों में एंजाइना पेन, हार्ट अटैक और दिल फैलने के लक्षण मिले। कई मरीजों को माइनर अटैक आया और हृदय की मांसपेशियों को बड़ा नुकसान पहुंचा। निगेटिव होकर घर पहुंचने वालों में दिल की बीमारी का खतरा लंबे समय तक बना रहा। ज्यादातर कोरोना मरीजों का डी-डाइमर, फर्टिनिन व सीआरपी बढ़ा, जिससे दिल की बीमारियां हुईं।

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