Meerut Lockdown News: मेरठ के व्यापारी लाकडाउन में इन दुकानों को खोलने की मांग रहे रियायत
Meerut Lockdown News कोरोना महामारी के दौर में काम धंधे बंद हैं। मेरठ में पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र के हजारों कारीगर काम करते हैं। अधिकांश परिवार सहित रहते हैं। महामारी के भयावह रूप लेने पर व्यापारियों ने 28 अप्रैल से प्रतिष्ठान बंद किए हुए हैं।
मेरठ, जेएनएन। Meerut Lockdown News: कोरोना महामारी के दौर में काम धंधे बंद हैं। आभूषण नगरी मेरठ में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र के हजारों कारीगर काम करते हैं। अधिकांश परिवार सहित रहते हैं। महामारी के भयावह रूप लेने पर सराफा व्यापारियों ने 28 अप्रैल से प्रतिष्ठान बंद कर दिए थे। माह के प्रथम सप्ताह में बड़ी संख्या में कारीगर अपने मूल निवासों को चले भी गए हैं। अब 24 मई तक लाकडाउन की घोषणा कर दी गई है। दैनिक जागरण ने शहर के सराफा व्यापारियों और कारीगरों से उनकी समस्या जानी।
ठंडे बस्ते में चली गई बीमा योजना
शोरूम और बड़ी दुकानें खोलने की मांग तो हम नहीं कर रहे हैं पर कारीगरों और दुकानों में काम करने वाले सेल्समैनों के लिए बीमा का प्रविधान होना चाहिए। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने कारीगरों के बीमा की योजना लागू की थी पर वह ठंडे बस्ते में चली गई है।
प्रदीप अग्रवाल, अध्यक्ष, मेरठ बुलियन टेडर्स एसोसिएशन
कुछ घंटे रोज दुकान खोलने की अनुमति मिले
आभूषण बुरे वक्त में काम आने की नीयत से भी लोग लेते हैं। कई ग्राहक जरूरतें पूरी करने के लिए आभूषण बेचना चाहते हैं। हजारों की संख्या में रोज कमाने और खाने वाले आभूषण कारीगरों की आर्थिक हालत खराब है। ऐसे में एक-एक कर दुकानें स्वेच्छा से खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए।
संत कुमार वर्मा, अध्यक्ष, सोना चांदी व्यापार संघ
सराफा कारीगरों को दी जाए सहायता राशि
कोरोना की चपेट में आने से चार-पांच बंगाली कारीगरों की मौत हो गई है। अधिकांश कारीगर अपने घरों को लौट गए हैं। कारीगरों के लिए अस्पतालों में इलाज के लिए प्रबंध किया जाना चाहिए। जिस तरह किसानों के लिए सम्मान निधि दी जा रही है, काम काज बंद है तो कारीगरों को भी सहायता राशि चाहिए।
मनोज मंडल, अध्यक्ष, बंगाली स्वर्णकार वेलफेयर एसोसिएशन
दुकान से जरूरी सामान निकालने की मिले अनुमति
लगातार लंबे समय तक दुकान बंद होने से व्यापारी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। चोर-बदमाश ऐसे समय में सराफा दुकानों को निशाना बनाते हैं। इसलिए जरूरी है कि कोई दिन निर्धारित कर दुकानों को देखने की मोहलत प्रदान की जानी चाहिए। इससे दुकानदार जरूरत का सामान निकाल सकेंगे और इन्वर्टर और कैमरे भी चेक कर लेंगे।
राजकुमार भारद्वाज, अध्यक्ष, सदर सराफा बाजार एसोसिएशन