Meerut Jam News: मेरठ के जाम की सीएम को फिक्र लेकिन अफसरों को नहीं,नाराज कमिश्नर ने मांगा जवाब
Meerut Jam News शहर में रोजना लगने वाले जाम को लेकर विभाग नहीं निभा रहे अपनी जिम्मेदारी नाराज कमिश्नर ने मांगा जवाब। नहीं हटाई एलिवेटिड रोड की 75 बाधाएं भुमिया पुल चौड़ीकरण का इस्टीमेट तक नहीं बना। शहर में जाम एक बड़ी समस्या है।
अनुज शर्मा, मेरठ। जाम मेरठ शहर की सबसे बड़ी समस्या है। शहर की बीस लाख जनता और अन्य जनपदों व ग्रामीण क्षेत्र से रोजाना शहर में आने वाले लाखों लोग अपना बहुमूल्य समय खो देते हैं। मेरठ में जाम के समाधान के लिए प्रदेश के मुखिया गंभीर हैं। वे दो साल से इसकी योजना पर लगातार बैठकें कर रहे हैं। कमिश्नर की अगुवाई में यह अभियान चल रहा है, हाईकोर्ट का भी आदेश है। लेकिन अफसर हैं कि उन्हें किसी भी आदेश का न तो डर है, न ही जनता की परेशानी की कोई फिक्र। यही कारण है कि विभिन्न विभागों के अफसरों को जो जिम्मेदारी दी गई, उन्होंने उसे पूरा नहीं किया। इस लापरवाही से कमिश्नर खासे नाराज हैं। उन्होंने ऐसे सभी विभागों से जवाब तलब किया है, जिससे हड़कंप मचा है।
चलाया जा रहा है अभियान
मुख्यमंत्री के आदेश पर कमिश्नर की अध्यक्षता में मेरठ शहर की जाम की समस्या के समाधान के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जाम के निदान के लिए पहले कार्य तय किए गए और उसके बाद उन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को सौंपी गई। लेकिन विभागों के अफसरों ने जिम्मेदारी नहीं निभाई। हाल ही में अपर आयुक्त चैत्रा वी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई तो एक भी काम ऐसा नहीं मिला जिसे पूरा कर लिया गया हो। अधिकांश मामलों में अफसरों को फटकार लगी और जल्द अपेक्षित कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया।
कमिश्नर नाराज, सभी का जवाब तलब
समीक्षा बैठक का कार्यवृत्त देख कमिश्नर सुरेन्द्र सिंह का गुस्सा आसमान पर है। उन्होंने ऐसे सभी विभागों के अफसरों को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया है, जिन्होंने इस अभियान की जिम्मेदारी को पूरा नहीं किया है।
अफसरों ने नहीं किए ये कार्य
- भुमिया का पुल के चौड़ीकरण के लिए नगर निगम ने इस्टीमेट ही नहीं बनाया।
- बीओटी (बिल्ड, आपरेट एंड ट्रांसफर) माडल पर शहर में स्मार्ट बस शेल्टर नगर निगम को बनाने थे। रोडवेज ने ऐसे स्थानों की सूची नहीं दी और निगम हाथ पर हाथ रखकर बैठा रहा।
- बच्चा पार्क से जली कोठी तक एलिवेटिड रोड निर्माण में 75 अवैध कब्जे बाधा बाधा बने हैं। इन्हें हटाया जाना था लेकिन इस दिशा में कोई भी काम जिला प्रशासन, नगर निगम, एमडीए और पुलिस विभाग ने नहीं किया।
- जाम का कारण बने भैंसाली और सोहराबगेट रोडवेज बस अड्डों को शहर के बाहर शिफ्ट करने के लिए एडीएम सिटी, एसपी सिटी और रोडवेज आरएम को संयुक्त रूप से जमीन चिह्नित करनी थी, लेकिन नहीं की गई।
- नगर निगम को सड़क के बीच में लगे बिजली खंभे, ट्रांसफार्मर, विज्ञापन पट्टी, पेड़, सीवर लाइन, गैस पाइप लाइन, टेलीफोन के खंभे आदि हटाने के लिए सूची एसपी ट्रैफिक ने सौंपी थी, लेकिन निगम ने उन्हें नहीं हटाया।
- शहर में सड़क किनारे पड़े 147 गाडिया लौहार परिवारों को दौराला में बनाई गई कालोनी में शिफ्ट किया जाना था। नहीं किया जा सका।
इनका कहना है
मेरठ के जाम के समाधान के लिए सीएम लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन कुछ विभागों द्वारा निर्धारित समय सीमा में काम नहीं किया जा रहा है। ऐसे विभागों को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है। लापरवाही करने वाले अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई की संस्तुति शासन से की जाएगी।
- सुरेन्द्र सिंह, कमिश्नर