मेरठ : ई-रिक्शा आफिस में व्‍यापारी ने रिवाल्वर मुंह में डालकर चलाई गोली, मौत के बाद उठ रहे कई सवाल

मेरठ में लोहा व्यापारी ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इसके पीछे आंखों की रोशनी कमजोर होना और व्यापार में नुकसान बताया जा रहा है। पुलिस अन्‍य बिंदुओं पर भी मामले की जांच कर रही है।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 08:52 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 08:52 AM (IST)
मेरठ : ई-रिक्शा आफिस में व्‍यापारी ने रिवाल्वर मुंह में डालकर चलाई गोली, मौत के बाद उठ रहे कई सवाल
मेरठ में खुद को गोली मारने के बाद मनीष गांधी

मेरठ, जागरण संवाददाता। मोहकमपुर फेस-टू स्थित बादशाह ई-रिक्शा कंपनी के आफिस में लोहा व्यापारी ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस आत्मघाती कदम के पीछे आंखों की रोशनी कमजोर होना और व्यापार में नुकसान बताया जा रहा है। पुलिस ने मौके से व्यापारी की .22 की रिवाल्वर कब्जे में ले ली। हालांकि यह कारण पुलिस को पच नहीं रहा है और छानबीन कुछ औ बिदुओं पर भी की जा रही है।

यह है मामला

ब्रहमपुरी थाना क्षेत्र के बिजली बंबा बाइपास स्थित पर्ल रेजिडेंसी में मनीष गांधी पत्‍नी भावना गांधी और दो बेटियों के साथ रहते थे। मंगलवार को रोजाना की तरह वह अपने दोस्त नितिन शर्मा की बादशाह ई-रिक्शा कंपनी मोहकमपुर फेस टू में गए थे। नितिन के दिए बयान के अनुसार 11.30 बजे मनीष उनसे अपनी एक आंख की रोशनी चले जाने को लेकर बातचीत कर रहे थे। उनकी दूसरी आंख की रोशनी भी धीरे-धीरे कम हो रही थी।

लाइसेंसी रिवाल्वर से चलाई गोली

नितिन के मुताबिक दोपहर करीब डेढ़ बजे मनीष उनके केबिन से उठकर बाहर वाले केबिन में बैठ गए। उस समय पूरा स्टाफ अपना काम कर रहा था। तभी मनीष ने अपने लाइसेंसी रिवाल्वर मुंह में डालकर गोली चला दी। गोली खोपड़ी से पार होने की वजह से मनीष कुर्सी पर ही बैठे रह गए और रिवाल्वर हाथ में ही रूक गया। मनीष के खून से लथपथ शव को देखकर आफिस में हड़कंप मच गया। तत्काल यूपी-112 पर काल कर घटना की जानकारी दी गई। परतापुर थाना प्रभारी शैलेंद्र प्रताप सिंह मौके पर पहुंचे। इसी बीच मनीष के तीनों भाई और उनकी पत्‍नी भी आ गईं। घटना की तहरीर नितिन शर्मा ने दी है।

आखिर ई-रिक्शा आफिस में आत्महत्या क्यों

मेरठ। मनीष गांधी की आत्महत्या के पीछे भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल सामने आ रहा है कि आखिर बादशाह ई-रिक्शा के आफिस में मनीष गांधी ने आत्महत्या क्यों की। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आ रहा है कि मनीष गांधी ने भी बादशाह ई-रिक्शा में रकम लगा रखी थी। संभवत: वह अपनी रकम वापस चाहते थे और उसे लेने ही वह अक्सर बादशाह ई-रिक्शा के कार्यालय में आते थे। आशंका जाहिर की जा रही है कि पैसे न मिलने पर विवाद भी हुआ। जरूरतमंद मनीष को जब पैसे नहीं मिले तो उन्होंने आत्महत्या का रास्ता चुना। इस आशंका को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब जानने के लिए जब नितिन शर्मा से जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने एक बार फोन तो उठाया, लेकिन मनीष के परिवार के बीच होने की बात कहकर कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। इसके बाद भी कई प्रयास किए गए, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उधर, मनीष के भाई बॉबी गांधी ने बताया कि भाई के गम में वे कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं।

हर रोज नितिन के पास जाते थे मनीष

सुपरटेक पामग्रीन निवासी ई-रिक्शा कंपनी के मालिक नितिन शर्मा ने बताया कि दो साल से मनीष गांधी को व्यापार में नुकसान हो रहा था। मनीष पहले लोहे की चादर का काम करते थे। व्यापार में नुकसान के कारण जून में मनीष ने अपना देवपुरी वाला मकान बेचकर पर्ल रेजिडेंसी कालोनी में नया मकान खरीदा था। रोजाना मनीष सुबह साढ़े 11 बजे कंपनी पहुंच जाते थे। यही पर कई-कई घंटे बातचीत करने के बाद घर लौट जाते थे।

शहरभर के व्यापारियों ने मौत पर दुख जताया

मनीष की मौत के बाद शहर के काफी व्यापारी मौके पर पहुंचे। व्यापारियों ने मनीष की मौत पर दुख जताया है। उनका कहना है कि पर्ल रेजिडेंसी में पहुंचने के बाद उसका दोस्ती का सर्किल भी खत्म हो गया था। सिर्फ नितिन शर्मा के पास जाते थे। व्यापारियों का कहना है कि मनीष हमेशा व्यापार को बढ़ाने की सीख देते थे। अचानक आत्महत्या कर लेंगे, इसका आभास नहीं था।

सेफ की फैक्ट्री से साझेदारी हटने से टूट गए थे, दो साल से नहीं था रोजगार

मनीष गांधी के पिता जगन्नाथ गांधी की सेफ (लोहे की अलमारी) की दिल्ली रोड पर फैक्ट्री थी। उनके बड़े भाई प्रदीप गांधी की घंटाघर पर मेनका सिनेमा के पास सेफ की दुकान है। मनीष गांधी, दीपक गांधी और रोनी गांधी मिलकर फैक्ट्री चलाते थे। दो साल पहले मनीष की फैक्ट्री से हिस्सेदारी खत्म हो गई थी। इसके बाद मनीष ने लोहे की चादर दिल्ली से खरीदकर बेचना शुरू कर दिया था। यह व्यापार भी नहीं चल सका। दो साल से उनके पास कोई रोजगार नहीं था। ऊपर से आंखों की रोशनी कमजोर हो रही थी। ऐसे में मनीष मानसिक तनाव में आ गए थे।

नितिन शर्मा परिवार के बीच पहुंचे

नितिन शर्मा देर रात मनीष के घर पहुंचे थे। व्यापारियों की मौजूदगी में नितिन ने मनीष के परिवार से बातचीत की। माना जा रहा है कि दोनों परिवार में समझौते की बात चल रही है। परिवार के लोगों का कहना है कि मनीष की दोनों बेटियों के भविष्य को लेकर वे चिंतित हैं।

इन्‍होंने कहा

मनीष का गोली लगा शव ई-रिक्शा कंपनी के आफिस में मिला है। फोरेंसिक टीम को जांच के लिए भेजा था। मनीष के हाथ से रिवाल्वर कब्जे में ले ली है। प्रथम जांच में मामला आत्महत्या का सामने आया है। मौके से सुसाइड नोट नहीं मिला है।

प्रभाकर चौधरी, एसएसपी

chat bot
आपका साथी