मेरठ : सीएम योगी से पहले पहुंचा उनका खौफ, शहर में सफाई में दिनभर डटे रहे निगम अफसर
मेरठ में शनिवार को नगर निगम के अफसर फील्ड पर नजर आए। मुख्य मार्गों की साफ-सफाई और अतिक्रमण हटाने में पूरा दिन बिताया। चौराहे-चौराहे घूम-घूमकर व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कराते रहे। रविवार को सीएम योगी मेरठ आ रहे हैं। अफसर सतर्क हैं।
मेरठ, जेएनएन। मुख्यमंत्री के आगमन का कार्यक्रम आते ही शनिवार को नगर निगम के अफसर फील्ड पर नजर आए। मुख्य मार्गों की साफ-सफाई और अतिक्रमण हटाने में पूरा दिन बिताया। चौराहे-चौराहे घूम-घूमकर व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कराते रहे। ताकि कहीं गंदगी नजर न आए। दरअसल, यह मुख्यमंत्री के पिछले दौरे का खौफ है जब उन्होंने गंदगी को लेकर नगर निगम के अफसरों को फटकार लगाई थी।
यहां पर किया भ्रमण
नगर आयुक्त मनीष बंसल, अपर नगर आयुक्त श्रद्धा शांडिल्यायन, सहायक नगर आयुक्त बृजपाल सिंह व इंद्र विजय, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डाक्टर गजेंद्र सिंह पूरे दिन भ्रमण करते रहे। सफाई कार्यों का निरीक्षण करते रहे। पुलिस लाइन से लेकर कलेक्ट्रेट तक, सर्किट हाउस, मेडिकल कालेज, तेजगढ़ी क्षेत्र समेत जहां-जहां भी मुख्यमंत्री के जाने की संभावनाएं हैं। उन स्थानों पर निगम का सफाई अमला पूरे संसाधनों के साथ सफाई में उतार दिया गया। नाले-नालियों में जहां भी कचरा उतराता दिखा। सफाई को अधिकारी भी तत्पर दिखे। यूनिवर्सिटी रोड स्थित तिकोना पार्क जो वर्षों से अतिक्रमण व गंदगी के चपेट में था। अधिकारियों ने खड़े होकर सफाई कराई। धूल साफ करने के लिए रोड स्वीपिंग मशीनें डिपो से बाहर निकलीं। सैनिटाइजेशन और फागिंग अभियान भी चलाया गया।
प्रवर्तन दल ने हटवाया अतिक्रमण
प्रवर्तन दल अधिकारी सेवानिवृत्त कर्नल राजकुमार बालियान के नेतृत्व में टीम जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली आदि लेकर तेजगढ़ी चौराहा पहुंची। यूनिवर्सिटी रोड तिराहे से लेकर मेडिकल कालेज तक सड़क के दोनों ओर आधा दर्जन के करीब झोपड़ पट्टी को हटाया। तत्पश्चता तिकोना पार्क के अंदर डेढ़ दर्जन से ज्यादा सब्जी एवं फल विक्रेताओं, लकड़ी और भूसा आदि का व्यवसाय करने वाले लोगों के अतिक्रमण हटाए गए। नगर आयुक्त मनीष बंसल ने पार्क का निरीक्षण किया। उद्यान अनुभाग को पार्क के तत्काल सौंदर्यीकरण के आदेश दिए।
जर्जर डिवाइडरों के भी बहुर गए दिन
देखने वाली बात ये रही कि जर्जर डिवाइडरों के भी दिन बहुर गए। शनिवार को दिल्ली रोड समेत सभी मुख्य मार्गों के डिवाइडर की मरम्मत युद्धस्तर पर जारी रही। जबकि मुख्य मार्गों के डिवाइडर लंबे समय से टूटे पड़े थे। हालांकि शहर की सड़कों को नगर निगम गड्ढा मुक्त नहीं कर पाया। महापौर कार्यालय के सामने वाली गांधी आश्रम की रोड समेत कई मार्ग हैं, जो पैदल चलने लायक नहीं हैं।