मेरठ : गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, घोषणा-पत्र भरते समय आइडी की अनिवार्यता समाप्त,यह तरीका अपनाना होगा

यह खबर गन्‍ना किसानों के लिए राहतभरी है। अब ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरवाने सम्बन्धी प्रकिया को गन्ना विभाग ने अधिक सरल कर दिया है। इसी के साथ अब आइडी अपलोड करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है और शिकायतें भी तेज से निपटेगी।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 24 Sep 2021 09:40 AM (IST) Updated:Fri, 24 Sep 2021 09:40 AM (IST)
मेरठ : गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी, घोषणा-पत्र भरते समय आइडी की अनिवार्यता समाप्त,यह तरीका अपनाना होगा
गन्‍ना किसानों को घोषणा पत्र भरते समय आइडी अपलोड नहीं करनी होगी।

मेरठ, जागरण संवाददाता। प्रदेश के गन्ना किसानों को डिजिटल सुविधा प्रदान करने तथा उनके समय की बचत को ध्यान में रखते हुए ईआरपी की वेबसाइट-enquiry.caneup.in पर ऑनलाइन घोषणा-पत्र भरवाने सम्बन्धी प्रकिया को गन्ना विभाग ने अधिक सरल कर दिया है। घोषणा पत्र भरवाते समय अब आइडी अपलोड करने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है।

वेबसाइट धीमी होने के कारण निर्णय

गन्ना किसान अपने घोषणा-पत्र आनलाइन भर रहे हैं। गन्ना विभाग के टोल-फ्री नंबर 1800-121-3203 पर किसानों की समस्याओं व शिकायतों को सुना जाएगा। गन्ना विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी किसानों द्वारा एक साथ घोषणा-पत्र भरने तथा आवेदन करने से प्रोजेक्ट की वेबसाइट की गति धीमी हो गई थी। जिससे आनलाइन आवेदन एवं घोषणा-पत्र भरने की प्रक्रिया पूर्ण करने में अधिक समय लग रहा था।

अधिक सरलीकृत किया

गन्ना किसानों की इस समस्या का त्वरित संज्ञान लेते हुए विभागीय अधिकारियों तथा एसजीके प्रोजेक्ट के सेवा प्रदाता से तत्काल वार्ता कर आनलाइन सदस्यता एवं घोषणा-पत्र भरने की प्रक्रिया को और अधिक सरलीकृत किया गया। जिसके तहत अब किसानों को लागिन के लिए आइडी अपलोड करने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि अब केवल अपने आधार नंबर या बैंक एकाउंट नंबर के अंतिम चार अंकों के साथ पंजीकृत मोबाइल नंबर डालने से आनलाइन घोषणा-पत्र भरने आदि के लिए साइट खुल जाएगी। यदि किसान का आधार नंबर, बैंक खाता संख्या एवं मोबाइल नंबर पंजीकृत नहीं है तो किसानों को अपनी समितियों से संपर्क कर इन्हें पंजीकृत कराना होगा।

सभी काम तेजी से होंगे

इस निर्णय से पंजीकृत गन्ना किसानों को काफी सुविधा होगी जहां पूर्व में वेबसाइट खोलने के लिए आधार कार्ड, आइडी आदि अपलोड करनी पड़ती थी, अब इसकी आवश्यकता नहीं रहेगी तथा किसानों के श्रम एवं समय की बचत होगी। वेबसाइट के सर्वर पर डाटा अपलोडिंग का लोड कम होने से वेबसाइट की गति भी और तीव्र हो जाएगी तथा किसानों के वेबसाइट से संबंधित सभी कार्य त्वरित गति से पूर्ण किए जा सकेंगे। यह भी उल्लेखनीय है कि गन्ना विभाग द्वारा विगत सप्ताह किसानों की सुविधा हेतु आनलाइन घोषणा-पत्र भरते समय राजस्व खतौनी को अपलोड करने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया था।

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