मेरठ: पिता कुछ औऱ बनाना चाहते थे, पर बेटे ने तो कर दिया कमाल; अब खुशी से फूले नहीं समा रहे परिजन
शांतनु ने इस साल बारहवीं की परीक्षा पास की। इसके साथ ही शांतनु परासर ने पहले ही प्रयास में एनडीए में सफलता हासिल कर ली। इसके लिए उसने कोई कोचिंग नहीं की। घर पर ही सेल्फ स्टडीज की। परिवार को शांतनु पर नाज है।
मेरठ, जेएनएन। हर मां बाप का सपना होता है उनका बेटा उनसे भी कुछ बड़ा काम करें। इसके लिए वह कुछ सपने भी देखते हैं। ऐसा ही सपना सतीश कुमार अपने बेटे के लिए भी देख रहे थे। पेशे से प्रिंसिपल सतीश कुमार अपने बेटे के लिए कुछ और ही सपना देखा था। लेकिन बेटे के मन में कुछ और ही चल रहा था। बेटे के मन में देश सेवा करने का जज्बा था। यह जज्बा इस कदर रहा कि उसने एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। जिसके बाद तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। लोगों की बधाईयां भी पहुंचने लगी, केवल घर ही नहीं आसपास के लोग भी इनकी कामयाबी पर गर्व कर रहे हैं।
पहले ही प्रयास में किया कमाल
शांतनु ने इस साल बारहवीं की परीक्षा पास की। इसके साथ ही शांतनु परासर ने पहले ही प्रयास में एनडीए में सफलता हासिल कर ली। इसके लिए उसने कोई कोचिंग नहीं की। घर पर ही सेल्फ स्टडीज की। शांतनु की बहन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहीं हैं। जिसकी प्रेरणा से शांतनु ने एनडीए की तैयारी शुरू की। बिना किसी गाइडेंस के शांतनु ने लिखित परीक्षा, एसएसवी और मेडिकल में सफलता हासिल की। उन्होंने तीन दिन पहले एनडीए ज्वाइन कर लिया है। माता पिता भी बेटे की इस सफलता और फैसले पर गर्व कर रहे हैं।
शांतनु के एनडीए पहले प्रयास में और बिना कोचिंग के पास करने के बाद नात रिश्तेदारों से बधार्इयां आने लगी। सभी का शांतनु के इस कामयाबी पर नाज है। उन्होंने कहना है कि शुरू से ही पढ़ाई को लेकर शांतनु सजग रहते थे। जिस कारण उन्हें पूरा विश्वास था कि वे अपनी मंजिल अवश्य हासिल कर ले जाएंगे। इनकी बहन को भी अपने भाई के कामयाबी पर गर्व है। इनके परिवार के अन्य सदस्य भी शांतनु की सफलता गर्व किया है।