कोरोना वैक्सीन की थर्ड डोज भी लेना चाहते हैं मेरठ के डाक्टर, तीसरी लहर से पहले उठी मांग

कोरोना की तीसरी लहर से पहले डाक्टरों में नई बैचैनी है। आइएमए हेल्थ वर्करों को नई लहर से पहले तीसरा डोज लगवाने की मांग उठा रहा है। डाक्‍टरों व स्‍टॉफ का कहना है कि तीसरी लहर से पहले तीसरी डोज मिलना चाहिए।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 01:17 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 01:17 PM (IST)
कोरोना वैक्सीन की थर्ड डोज भी लेना चाहते हैं मेरठ के डाक्टर, तीसरी लहर से पहले उठी मांग
कोरोना की तीसरी लहर से पहले डाक्टरों में नई बैचैनी है।

(संतोष शुक्ल), मेरठ। कोरोना की तीसरी लहर से पहले डाक्टरों में नई बैचैनी है। आइएमए हेल्थ वर्करों को नई लहर से पहले तीसरा डोज लगवाने की मांग उठा रहा है, जिससे डयूटी करते समय डाक्टरों एवं पैरामेडिकल कर्मचारियों के शरीर में पर्याप्त एंटीबाडी टाइटर रहे। आइएमए का कहना है कि फरवरी 2021 तक ज्यादातर डाक्टरों को दोनों डोज लग गई थी लेकिन पांच माह बाद एंटीबाडी कम हो सकती है। पश्चिमी देशों की तरह यहां भी तीसरे डोज पर चर्चा उठी है। इस विषय पर आइसीएमआर ही गाइडलाइन जारी करेगा।

पांच माह में घटने लगी एंटीबाडी

पांच माह बाद कई डाक्टरों में एंटीबाडी की मात्र घटती मिली। कई डाक्टरों में अप्रैल के मुकाबले जुलाई में एंटीबाडी कम रह गई। ऐसे में बूस्टर डोज लेने से उनमें बड़ी मात्र में एंटीबाडी टाइटर बनेंगे और संक्रमण से सुरक्षा मिलेगी इसके लिए विशेषज्ञों की राय जरूरी है।

इंदौर के बाद अब मेरठ में मांग

कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने की तैयारी है। आइएमए इंदौर ने हेल्थ वर्करों को बूस्टर के रूप में तीसरी डोज की मांग उठाई है। मेरठ आइएमए भी दो बार चिकित्सकों के साथ बैठक कर चुका है।

कई में नहीं बनी एंटीबाडी

डाक्टरों के मुताबिक, कोरोना वायरस से संक्रमित हुए कई लोगों में आइजीजी बनी ही नहीं या प्रोटेक्टिव एंटीबाडी कम बनी। वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी कुछ लोगों में ज्यादा एंटीबाडी नहीं बनी।

जानिए इन्‍होंने क्‍या बताया

फाइजर ने तीसरी डोज के लिए डब्ल्यूएचओ में आवेदन किया है। अंतरराष्ट्रीय शोध में पता चला है कि डेल्टा वायरस के प्रति टीके कम कारगर हैं। ऐसे में वैक्सीन की नई डोज देकर एंटीबाडी बढ़ाई जा सकती है। इससे संक्रमण के दौरान कोविड वार्ड में ड्यूटी करने वाले डाक्टरों एवं हेल्थ वर्करों को सुरक्षा मिलेगी।

डा. तनुराज सिरोही, वरिष्ठ फिजिशियन

आइएमए ने दो बार इस विषय पर चर्चा की है। नेशनल विंग से पत्रचार भी किया गया है। ज्यादातर डाक्टरों को फरवरी में दूसरी डोज लगी थी। ऐसे में अक्टूबर तक एंटीबाडी घटी तो तीसरी डोज से ही बचाव होगा।

डा. मनीषा त्यागी, सचिव, आइएमए

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