Meerut-Delhi Expressway: चिपियाना में रेलवे ओवरब्रिज पर सबसे लंबे गर्डर के लांचिंग की तैयारी

चिपियाना में रेलवे ओवरब्रिज पर उम्मीद है कि करीब डेढ़ माह बाद यह गर्डर लांचिंग कर दी जाएगी। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार सबसे लंबा गर्डर 115 मीटर का है। जबकि अभी तक 74 मीटर 64 मीटर और 22 मीटर लंबे गर्डर लांचिंग की गई है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 08:00 PM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:33 AM (IST)
Meerut-Delhi Expressway: चिपियाना में रेलवे ओवरब्रिज पर सबसे लंबे गर्डर के लांचिंग की तैयारी
सबसे लंबे गर्डर का डिजाइन प्रस्ताव एनएचएआई ने तैयार कर लिया है।

मेरठ, जेएनएन। Meerut-Delhi Expressway कोरोना संक्रमण के प्रकोप के बीच मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के चिपियाना में रेलवे ओवरब्रिज पर सबसे लंबे गर्डर लांचिंग के लिए उसका डिजाइन प्रस्ताव एनएचएआई ने तैयार कर लिया है। यह डिजाइन प्रस्ताव राजमार्ग मंत्रालय को अनुमति के लिए भेज दिया गया है। एनएचएआई के अधिकारियों का दावा है कि 15 दिन के भीतर अनुमित मिल जाएगी।

उम्मीद है कि करीब डेढ़ माह बाद यह गर्डर लांचिंग कर दी जाएगी। एनएचएआई के अधिकारियों के अनुसार सबसे लंबा गर्डर 115 मीटर का है। जबकि अभी तक 74 मीटर, 64 मीटर और 22 मीटर लंबे गर्डर लांचिंग की गई है। चिपियाना के रेलवे ओवरब्रिज में अब 12 गर्डर लांचिंग बाकी है। जो गर्डर लांच किये जा चुके हैं। उनको आपस में जोडऩे का काम चल रहा है। हालांकि यह काम काफी धीमा हो रहा है।

इसकी वजह कोरोना महामारी का प्रकोप है। अधिकारियों का कहना है कि यह काम बहुत महत्वपूर्ण है। इसे समय पर पूरा करना था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते श्रमिकों का अभाव है। स्टाफ को भी संक्रमण से बचाने के लिए कोरोना प्रोटोकाल के तहत ही काम किया जा रहा है। ज्यादातर काम वेल्‍डिंग और लोहे से संबंधित है। जिसकी कटाई के लिए इंडस्ट्रियल आक्सीजन की जरूरत होती है। कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने के लिए आक्सीजन का इस्तेमाल मेडिकल में हो रहा है। इससे वेल्‍डिंग संबंधित काम नहीं हो पा रहे हैं। केवल साइट पर नान वेल्‍डिंग के काम किए जा रहे हैं। 

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