मेरठ सिलेंडर धमाका : बच्चे पैदा होने पर घर में था जश्न, दादी-पोते की मौत से गमगीन हो गया माहौल
नवाब के घर बच्चे के पैदा होने की खुशी में जश्न का माहौल था। घर रिश्तेदार और आसपास के लोग जुटे हुए थे। दोपहर तक सब खुश थे। हादसे ने अचानक कोहराम मचा दिया। चीख-पुकार के बीच लोग दौड़े और मदद के लिए जुट गए।
मेरठ, जेएनएन। नवाब के घर बच्चे के पैदा होने की खुशी में जश्न का माहौल था। घर, रिश्तेदार और आसपास के लोग जुटे हुए थे। दोपहर तक सब खुश थे। हादसे ने अचानक कोहराम मचा दिया। चीख-पुकार के बीच लोग दौड़े और मदद के लिए जुट गए। बावजूद इसके दो जिंदगी खत्म हो गईं। हादसे से खुशियां मातम में बदल गईं। खुशियां देख रही आंखों से गम के आंसू निकलने लगे। मुजफ्फरनगर से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए थे। आसपास के लोग भी पीड़ित को सब्र से काम लेने के लिए कह रहे थे।
धुआं निकालने को तोड़नी पड़ी छत
दोपहर को घर में कार्यक्रम शुरू हो गया था। रिश्तेदारों के साथ ही आसपास के लोग भी आ-जा रहे थे। करीब साढ़े चार बजे गैस लीक होने से सिलेंडर में लगी आग से अफरा-तफरी मच गई। कुछ लोग तो बाहर की ओर भागे, जबकि रिहाना और अन्य बच्चे कमरे में घुस गए। आग से आसपास का सामान जलने लगा तो धुआं बढ़ता ही चला गया। कमरे में भी धुआं भर गया था।
आसपास के लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, तभी पड़ोसियों ने धुआं निकालने के लिए छत (कड़ी से बनी हुई) को तोड़ दिया। इसके बाद ही कमरे में देखने लायक स्थिति बनी। गनीमत रही कि कमरे में आग नहीं लगी थी, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
सूचना के बाद भी नहीं पहुंची दमकल की गाड़ी : लोगों ने पुलिस और दमकल को जानकारी दे दी थी। पुलिसकर्मी तो पहुंच गए, लेकिन दमकल गाड़ी नहीं पहुंची। लोगों ने पानी और रेत से आग पर काबू करने का प्रयास किया।
इन बातों का रखें ध्यान
सिलेंडर पर रेगुलेटर सही से लगा हो। रात में रेगुलेटर बंद करके सोना चाहिए।
पाइप को भी लगातार चेक करते रहें। अच्छी किस्म के ही पाइप का इस्तेमाल करें।
गैस लीक होने पर तुरंत ही रेगुलेटर बंद कर दें। आग का इस्तेमाल ना करें।
सिलेंडर लीक होने पर उसे घर से बाहर रखें और एजेंसी में फोन करें। साथ ही दमकल को भी बताएं।
डिलीवरी के दौरान भी सिलेंडर की सही से जांच कराएं। लीक या खराबी महसूस होने पर उसे ना लें।
आग लगने पर सिलेंडर को गिरने ना दें, क्योंकि गर्म होने से ही वह फटता है। खड़ा रहने पर सिलेंडर नहीं फटता। गैस खत्म हो पर आग बुझ जाती है। आसपास भी कोई जलने वाला सामान नहीं होना चाहिए।
टाट की बोरी पानी में भिगोकर उस पर डाल दें और रेगुलेटर को बंद कर दें। आग बुझने पर रेगुलेटर बंद कर दें।
आग से यदि रेगुलेटर खराब हो गया है, तो सिलेंडर को घर से बाहर लाकर सीधा खड़ा कर दें।
हादसा होने पर घर के अंदर नहीं, खुली जगह की ओर भागना चाहिए।
शवों का नहीं कराया पोस्टमार्टम, गांव ले गए
दादी-पोते की मौत के बाद स्वजन में कोहराम मचा हुआ है। पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम भेजने की प्रक्रिया शुरू की, जिस पर स्वजन ने मना कर दिया। इसलिए पोस्टमार्टम नहीं कराया गया। पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम शव सुपुर्द कर दिए। स्वजन शवों को लेकर मुजफ्फरनगर के चितौड़ा गांव चले गए थे।
कोई सूचना नहीं दी गई
मुख्य अग्निशमन अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि आग लगने की कोई भी सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने घंटाघर और पुलिस लाइन में स्थित कार्यालय में जानकारी की थी। कंट्रोल रूम से भी कोई सूचना नहीं दी गई। यदि जानकारी मिलती तो दमकल की गाड़ी आग पर काबू पाने के लिए जरूरत जाती।
धुएं में फंसने पर ऐसा करें
मुख्य अग्निशमन अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि हादसे के दौरान यदि आप धुएं में फंस गए हैं, तो बैठकर या फिर लेटकर निकलने की कोशिश करें। धुआं उपर की ओर चलता है, इसलिए खड़े व्यक्ति को अधिक परेशानी होती है। इसके बाद हो सकते तो कपड़े को गीला कर महुं और नाक पर लगा लें, इससे कुछ राहत मिलती है। साथ ही बाहर निकलने के लिए भी कुछ समय मिल जाती है। आग लगते ही घर के अंदर से बचते हुए बाहर की ओर भागना चाहिए।