CoronaVirus News: बच्चों को डायरिया है तो... कोरोना की जांच करवाना क्यों जरुरी? जानें लक्षण
अब कोरोना पर भरोसा मत करना। म्यूटेशन के बाद वायरस की नजर बच्चों पर टिक गई है। बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। पेट में मरोड़ दर्द डायरिया आंख में लालिमा शरीर पर लाल चकत्ते होने पर कोरोना की जांच कराएं।
मेरठ, जेएनएन। अब कोरोना पर भरोसा मत करना। म्यूटेशन के बाद वायरस की नजर बच्चों पर टिक गई है। बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं। पेट में मरोड़, दर्द, डायरिया, आंख में लालिमा, शरीर पर लाल चकत्ते होने पर कोरोना की जांच कराएं। कई बच्चों में पहले कोरोना पकड़ में नहीं आया। बाद में एंटीबाडी टेस्ट में पता चला कि बच्चे को कोरोना संक्रमण हो चुका है। शरीर के अंदरुनी अगों पर भी असर मिला।
बच्चों का एसीई रिसेप्टर भी हुआ अब फेल: बाल रोग विशेषज्ञ डा. अमित उपाध्याय का कहना है कि बच्चों में एसीई रिसेप्टरों की संख्या कम होती है, इसीलिए उनमें पहले वाले कोरोना का संक्रमण कम हुआ। कोरोना का वायरस इसी रिसेप्टर के साथ चिपककर शरीर में प्रवेश करता है। लेकिन म्यूटेशन के बाद वायरस के कई स्ट्रेन लोगों के बीच पहुंच गए हैं। कई बार बच्चों में बुखार, थकान, सर्दी, पेट खराब जैसे लक्षण होने पर डाक्टर सामान्य बीमारी समझ लेते हैं। जबकि बाद में इन बच्चों में एंटीबाडी टेस्ट पाजिटिव मिला।
मेरठ के डाक्टर उमंग अरोड़ा एवं डा. मनेश तोमर ने हाल में एक शोधपत्र तैयार किया, जिसमें पता चला कि बच्चों की हार्ट की धमनियों में कोरोना वायरस सूजन बना रहा है। दिल की आर्टरी में खून के थक्के जमते हैं। बच्चों में तेज बुखार, शरीर पर दाने, हाथ पैर की त्वचा लाल होने, आंख में पानी आने, सांस में दिक्कत व बीपी गिरने के लक्षण होते हैं।
बच्चों की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है, लेकिन बाद में यह कोरोना ही साबित हुआ। हृदय की धमनियां सूजकर गुब्बारे की तरह हो गई थीं। इसके फटने से जान जा सकती है। साथ ही डी-डाइमर, सीआरपी और सीरम फर्टििनन बढ़ा मिला, जिससे साबित होता है कि शरीर में अंदरुनी सूजन है। वायरस बच्चों में थक्के बना सकता है।