Meerut Coronavirus News: मेरठ के हर ब्लाक के कई गांवों में कोरोना पीड़ित, एक गांव में तो एक महीने में 50 की मौत
कोरोना की महामारी गांवों में अब कहर ढाने लगी है। शहर से सटे गगोल गोथरा गांव में एक महीने के भीतर करीब 50 लोगों की मौत हो गई है इससे यहां दहशत फैल गई है। इसी क्रम में अकेले आठ मई को ही पांच लोगों की जान चली गई।
मेरठ, जेएनएन। कोरोना की महामारी गांवों में अब कहर ढाने लगी है। शहर से सटे गगोल गोथरा गांव में एक महीने के भीतर करीब 50 लोगों की मौत हो गई है, इससे यहां दहशत फैल गई है। इसी क्रम में अकेले आठ मई को ही पांच लोगों की जान चली गई। इसके बाद गांव वालों ने स्वास्थ्य विभाग को कई बार फोन किया, लेकिन कोई यहां नही आया। आखिरकार लोगों ने जिलाधिकारी को फोन कर यहां के हालात से अवगत कराया। इंटरनेट मीडिया पर भी घटना वायरल हो रही है। बता दें कि यहां की आबादी 11 हजार से अधिक है।
गगोल गांव के पूर्व प्रधान महेंद्र दास बताते हैं कि कि ऐसी महामारी गांव वालों ने कभी नहीं देखी। रोजाना किसी न किसी की मौत की सूचना मिल रही है। ज्यादातर में कोविड के लक्षण मिल रहे हैं, लेकिन कोई जांच टीम यहां नहीं पहुंची। गांव के लोगों में दहशत है। जिनमें लक्षण उभर रहा है, वो बीमारी छुपा रहे हैं। गांव वालों ने बताया कि गंभीर मरीजों को भर्ती कराने के लिए शहर ले जाया गया मगर कहीं बेड ही नहीं मिला। पड़ोसी गांवों में भी ऐसे ही हालात हैं। दूसरी ओर सरधना तहसील अंतर्गत खेड़ा गांव में रहस्यमयी बुखार से बड़ी संख्या में मरीजों की जान गई है। यहां पर सीएचसी की टीम काफी दिनों बाद पहुंची, लेकिन मौतों का सिलसिला जारी है। पिछले एक सप्ताह में दो दर्जन से ज्यादा मौतों की शिकायत है। चूंकि कोरोना जांच हुई नहीं, इसलिए मौत का स्पष्ट कारण पता नहीं चल सका। इसी तरह हस्तिनापुर के दर्जनों गांवों में बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं। विधायक दिनेश खटीक ने खजुरी गांव में खुद पहुंचकर मेडिकल कैंप लगवाया, जहां बड़ी संख्या में मरीज मिले।
इस गांव में 25 की मौत
शहीदों के गांव से मशहूर खेड़ा सरधना से महज 15 किलोमीटर दूर है। यह गांव कारगिल में शहीद हुए जवानों की शौर्य गाथाओं के लिए भी जाना जाता है। यह गांव लगातार हो रही असमय मौत से गमजदा है। ग्रामीणों के अनुसार करीब एक सप्ताह में बीमारी से 25 लोग दम तोड़ चुके हैं। मृतकों में अधिकांश 40 वर्ष की आयु के थे। वहीं, स्वास्थ्य विभाग दावा है कि गांव में कोरोना से केवल एक मौत हुई है।
गांव में जहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो है लेकिन वहां चिकित्सक नहीं है। ग्रामीणों की माने तो गांव में हर तीसरे परिवार में सदस्य बुखार से ग्रस्त हैं। गांव में कैंसर के रोगी भी बड़ी संख्या में हैं। पीएचसी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मंगलवार को कोरोना संक्रमण की जांच करने के लिए पहुंची थी। जिसमें 54 मरीजों की एंटीजन और 46 लोगों की आरटीपीसीआर जांच की गई थी। इसमें से युवक की रिपोर्ट एंटीजन में पाजिटिव आई है। 46 लोगों की आरटीपीसीआर रिपोर्ट आनी है।
उधर, सरधना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डा. राजेश कुमार का कहना है कि गांव में सप्ताह पूर्व एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हुई थी। 25 मौत होने की जानकारी नहीं है। गांव में कैंप लगा कोरोना की टेस्टिंग की गई थी।
पीएचसी पर वर्षो से नहीं हुई थी सफाई
ग्रामीण बोले की पीएचसी पर वर्षो से सफाई नहीं हुई है। नवनिर्वाचित प्रधान पति ने हाल ही में सफाई कराई है। यहां केवल केवल एक एएनएम की तैनाती है लेकिन वह भी नहीं आती। मजबूरी में ग्रामीणों को बीमार होने पर झोलाछाप से उपचार कराना पड़ता है। गंभीर स्थिति में रोगी को रार्धना या फिर सरधना या मेरठ ले जाना पड़ता है।
हर ब्लाक में कोरोना प्रभावित गांव
गांव कोरोना पीड़ित
हस्तिनापुर 46
खरखौदा 45
गोटका-सरूरपुर 39
पांचली-जानीखुर्द 29
उल्देपुर-रजपुरा 24
अफजालपुर पावती 23
दबथुआ 23
मटोर 22
सिकेड़ा-रजपुरा 23
दौराला 27
ग्राम प्रधान पति अमित कुमार ने कहा- सेवानिवृत 45 वर्षीय फौजी जो ऊर्जा निगम में एसएसओ थे। उनकी मौत से हर कोई घबराया हुआ है। गांव में 40 से 50 साल की उम्र के लोगों की मौत हो रही है। स्वास्थ्य विभाग और अधिकारियों से मदद ली जा रही है।
ग्रामीण बोले, लगातार हो रही मौतों से मन घबरा रहा
गांव में गंभीर बीमारी के चलते लगातार मौत हो रही हैं। ज्यादातर लोगों को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत आ रही हैं। जब तक अस्पताल ले जाया जाता है तब तक उसकी मौत हो जाती है।
सोनू, ग्रामीण किसान
गांव में वैसे तो पिछले कई वर्ष में बड़ी संख्या में ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। जिसमें ज्यादातर कैंसर से ग्रस्त थे। कई बार पानी की जांच कराई गई। उच्चस्तरीय जांच को लेकर आज तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला।
धर्मवीर, ग्रामीण दुकानदार
मैं गांव में जिस घर जाता हूं, बुखार से ग्रस्त लोग मिलते हैं। गांव में मौतों से डर लगने लगा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम खानापूरी करती है।
कविंद्र, दुग्ध व्यापारी