मेरठ कालेज.. बस, नाम ही काफी है
उत्तर भारत के हेरिटेज कालेजों में शामिल मेरठ कालेज 15 जुलाई को 129 साल क
मेरठ,जेएनएन। उत्तर भारत के हेरिटेज कालेजों में शामिल मेरठ कालेज 15 जुलाई को 129 साल का हो गया है। आज ही के दिन 1892 में मेरठ कालेज की स्थापना हुई थी। 100 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैले इस कालेज का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है, लेकिन समय के साथ इसकी चमक थोड़ी फीकी भी हुई है।
अंग्रेजी राज में स्थापित इस कालेज ने आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी। महात्मा गांधी से लेकर जेपी नारायण तक ने यहां आकर छात्रों को संबोधित किया था। चौधरी चरण सिंह विवि बनने से पहले मेरठ कालेज कलकत्ता विश्वविद्यालय और फिर आगरा विश्वविद्यालय से जुड़ा रहा।
कालेज के पहले बने भारतीय प्रिसिपल बीआर चटर्जी
अंग्रेजी राज में मेरठ कालेज को मान्यता इस शर्त पर मिली थी कि पहला प्रिसिपल अंग्रेज होगा। 1942 में कर्नल आडोनल को आयरलैंड से बुलाया गया था। उनके समय में पुलिस उनके इजाजत के बगैर अंदर प्रवेश नहीं कर पाती थी। कालेज में पहले भारतीय प्रिसिपल बीआर चटर्जी थे।
चर्चित हस्तियां
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व उप राष्ट्रपति हिदायतुल्ला, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, पूर्व वित्त व शिक्षा मंत्री उत्तर प्रदेश कैलाश प्रकाश, राज्यपाल सत्यपाल मलिक, जनरल विपिन रावत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, फिल्म अभिनेता भारत भूषण, फिल्म एक्टर शेखर, बशीर बद्र। विजयंत टैंक बढ़ा रहा कालेज की शोभा
1971 भारत पाक युद्ध में कहर बरपाने वाला विजयंत टैंक आज मेरठ कालेज की शोभा बना हुआ है। कालेज के रक्षा अध्ययन विभाग से जनरल बिपिन रावत पीएचडी कर चुके हैं। सेना के दो दर्जन से अधिक अधिकारी यहां से शोध कर चुके हैं, कुछ कर रहे हैं।
इस समय चुनावी हलचल
मेरठ कालेज का महत्व आज भी कम नहीं हुआ है। यहां की प्रबंध समिति के चुनाव में जिस तरह से गहमागहमी रहती है, वैसा अन्य किसी कालेज में नहीं। कालेज के प्रबंध समिति का चुनाव एक अगस्त को होने वाला है। जिससे यह साल और भी खास हो गया है।
इनका कहना है-
छात्रों को शिक्षा के साथ रोजगार मिले, इसकी कोशिश की जा रही है। छात्रों के कौशल को बढ़ाने के लिए इंडस्ट्रीज से भी करार किया जा रहा है। 129 साल स्थापना के होना गौरव की बात है। इस समय परीक्षाएं चल रहीं हैं। स्थापना दिवस पर विशेष कार्यक्रम नहीं होगा। पौधारोपण किया जाएगा।
डा. युद्धवीर सिंह, प्राचार्य, मेरठ कालेज