बदल रहा है अब मेरठ कालेज
अंग्रेजों के जमाने का मेरठ कालेज अब बदल रहा है। यहां अब केवल अराजकता मारपी
मेरठ,जेएनएन। अंग्रेजों के जमाने का मेरठ कालेज अब बदल रहा है। यहां अब केवल अराजकता, मारपीट, अनुशासनहीनता नहीं है। कालेज के छात्र अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए यहां सपने भी देख रहे हैं। कालेज उस सपने को पूरा करने की कोशिश भी कर रहा है। कालेज के इसी बदलते स्वरूप को बताने के लिए गुरुवार को मेरठ कालेज में नियंता परिषद की ओर से अनुशासन जागरूकता कार्यक्रम किया गया। जिसमें कालेज में अनुशासन बनाने में सहयोग करने वाले वालंटियर्स सम्मानित हुए।
कालेज की मुख्य नियंता डा. अलका चौधरी ने प्रजेंटेशन के माध्यम से बताया कि किस तरह से कालेज में पहले अराजकता का माहौल था, बाहरी छात्र- छात्राएं आकर माहौल खराब करते थे। अब उस पर पूरी तरह से नियंत्रण हुआ है। जिसमें वालंटियर्स का योगदान रहा है। कालेज के प्राचार्य डा. युद्धवीर सिंह ने कहा कि विजन और कुछ करने की भावना हो तो कालेज में अपार संभावनाएं हैं। कालेज प्रबंध समिति के अवैतनिक सचिव डा. ओपी अग्रवाल ने कहा कि कालेज में अध्ययन और अध्यापन का माहौल रहे, इसके लिए समिति प्रयासरत रहेगी। कालेज का हिस्सा रहा जाफरवाला बाग मेरठ का ही रहेगा। उसकी चारदीवारी कराकर खेल का मैदान बनाया जाएगा। समिति के अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज ने कहा कि कालेज के बारे में बाहर नकारात्मक बात अधिक थी, यहां आकर लगा कि मेरठ कालेज में पढ़ने वाले छात्र और पढ़ाने वाले शिक्षक दोनों हैं, जो पूरी तरह से समर्पित हैं। कुछ वालंटियर ने अपने अनुभव भी साझा किए, जिसमें उन्होंने अपने बहुमुखी प्रतिभा को बनाने में मेरठ कालेज का योगदान बताया। डा. भूपेंद्र सिंह ने धन्यवाद दिया। कालेज के अन्य शिक्षक, छात्र- छात्राएं उपस्थित रहे। हर छात्र को एक हजार का चेक
कालेज के अवैतनिक सचिव डा. ओपी अग्रवाल ने सभी 36 वालंटियर के प्रोत्साहन के लिए एक- एक हजार का चेक भी देने की घोषणा की।