'स्टार स्टेटस' पाने वाला उत्‍तर प्रदेश का पहला महाविद्यालय है मेरठ कालेज, जानिए छात्र-छात्राओं को क्‍या मिल रहा है लाभ

स्टार कॉलेज स्कीम के स्ट्रैंथनिंग कंपोनेंट में मेरठ कालेज के पांच विभाग वनस्पति विज्ञान रसायन शास्त्र प्राणी विज्ञान भौतिकी तथा सांख्यिकी विभाग की बीएससी की प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण किया गया है। अमेरिका व यूरोप में विभिन्न संस्थानों में काम कर रहे पूर्व छात्र भी छात्र-छात्राओं को प्रेरित कर रहे हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 06:57 PM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 06:57 PM (IST)
'स्टार स्टेटस' पाने वाला उत्‍तर प्रदेश का पहला महाविद्यालय है मेरठ कालेज, जानिए छात्र-छात्राओं को क्‍या मिल रहा है लाभ
मेरठ कालेज मेरठ को मिला स्टार स्टेटस

मेरठ, जागरण संवाददाता। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डिपार्टमेंट आफ बायो टेक्नोलाजी द्वारा स्टार कालेज स्कीम संचालित है। इसके अंतर्गत मेरठ कालेज मेरठ को स्टार स्टेटस प्रदान किया गया है। उत्तर प्रदेश में इस उपलब्धि को प्राप्त करने वाला मेरठ कालेज पहला महाविद्यालय है। इस स्कीम की फंडिंग से महाविद्यालय छात्र-छात्राओं को आधुनिकतम प्रयोगशाला एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है।

स्कीम के तहत किया प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण

स्टार कालेज स्कीम के स्ट्रैंथनिंग कंपोनेंट में मेरठ कालेज के पांच विभाग वनस्पति विज्ञान, रसायन शास्त्र, प्राणी विज्ञान, भौतिकी तथा सांख्यिकी विभाग की बीएससी की प्रयोगशालाओं का सुदृढ़ीकरण किया गया है। छात्र छात्राओं को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग देने के लिए कालेज की प्रयोगशालाओं में विभिन्न उपकरणों को इंस्टॉल्ड किया गया। साथ ही साथ, देश-विदेश के प्रमुख शोध संस्थानों से विषय विशेषज्ञ को आमंत्रित कर विभिन्न सेमिनार, वर्कशॉप आदि का आयोजन किया गया।

विदेशों में काम कर रहे पूर्व छात्रों का भी मिला सहयोग

अमेरिका व यूरोप में विभिन्न संस्थानों में काम कर रहे कालेज के पूर्व छात्र-छात्राओं ने भी सहयोग किया है। उन्‍होंने बीएससी, एमएससी छात्र-छात्राओं को हायर एजुकेशन तथा रिसर्च मे करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। स्टार कॉलेज स्कीम के कालेज कोऑर्डिनेटर डॉक्टर पंजाब सिंह मलिक ने वार्षिक प्रोग्रेस रिपोर्ट को अप्रैल 2019 में पांडिचेरी में आयोजित नेशनल स्टीयरिंग कमिटी की बैठक में प्रस्तुत किया। कोरोना के चलते पिछले 2 वर्षों से वार्षिक रिपोर्ट का प्रस्तुतीकरण ऑनलाइन किया गया। इस वर्ष डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की एसेसमेंट तथा इवैल्यूएशन कमेटी में मेरठ कॉलेज मेरठ के फाइनल प्रेजेंटेशन को सराहा गया।

छात्र-छात्राओं ने किया कौशल विकास, किसानों को दी उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी

एक और जहां प्रयोगशालाओं में कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने अपना कौशल विकास किया, वहीं दूसरी ओर मशरूम कल्टीवेशन, बायोफर्टिलाइजर्स कल्चरिंग आदि रिसर्च प्रोजेक्ट्स में प्रतिभाग कर इस क्षेत्र के किसानों को उन्नत कृषि की तकनीक की भी जानकारी दी। इन विभागों के 15 शिक्षकों ने माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट प्रपोजल को फंडिंग के लिए उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन, भारत सरकार एवं डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, भारत सरकार को प्रेषित किया है। इनमें से 10 शिक्षकों के प्रस्ताव स्वीकृत होकर कॉलेज को अनुदान भी मिल चुका है। महाविद्यालय के शिक्षक छात्र-छात्राओं को इन पर आधारित शॉर्ट टर्म रिसर्च प्रोजेक्ट करा रहे हैं।

छात्र-छात्राओं को मिला अन्‍य संस्‍थानों में जाकर सीखने का अवसर

स्टार कालेज स्कीम के अंतर्गत छात्र छात्राओं को मेरठ में स्थित राष्ट्रीय प्रयोगशाला जैसे सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च ऑन कैटल, सेंट्रल पोटैटो रिसर्च इंस्टीट्यूट, कॉलेज ऑफ़ बायोटेक्नोलॉजी, सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी तथा चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी कैंपस के जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग विभाग, वनस्पति विज्ञान विभाग, प्राणी शास्त्र व भौतिकी विभाग की प्रयोगशालाओं का भी भ्रमण कराया गया। इंडस्ट्रियल एक्स्पोज़र के लिए छात्रों को मशरूम रिसर्च सेंटर तथा परीक्षितगढ़ में स्थित उत्तर प्रदेश मत्स्य पालन विभाग के फिश ब्रीडिंग सेंटर की भी विजिट कराई गई। 

पिछले वर्षों में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता परीक्षा पास कर जेएनयू, दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी, टाटा इंस्टीट्यूट आदि प्रतिष्ठित संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश लिया है।

छात्रा आकांक्षा त्यागी ने पेश किया मशरूम आधारित प्रोजेक्ट

महाविद्यालय की छात्रा आकांक्षा त्यागी ने एसोसिएशन आफ इंडियन यूनिवर्सिटीज द्वारा आयोजित स्टूडेंट रिसर्च कन्वेंशन- “अन्वेषण” में प्रतिभाग लिया और मशरूम आधारित पैकेजिंग मैटेरियल पर अपना प्रोजेक्ट प्रस्तुत किया। मेरठ कॉलेज के बीएससी छात्र अंकित कुमार तथा छात्रा आकांक्षा त्यागी ने उत्तर प्रदेश काउंसिल आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित साइंस टैलेंट सर्च कंपटीशन पास कर एमएससी के दौरान फेलोशिप प्राप्त की है। एमएससी बॉटनी के छात्र-छात्राओं ने यूजीसी सीएसआइआर द्वारा आयोजित नेट परीक्षा तथा आईआईटी गेट परीक्षा में उत्तम प्रदर्शन किया है।

नई शिक्षा नीति में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, डिग्री के हैं कई विकल्प

महाविद्यालय में इस सत्र से बीएससी में नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया है। इसमें विद्यार्थी को मल्टीपल एग्जिट एवं मल्टीपल एंट्री का ऑप्शन दिया गया है। एक वर्ष पूरा कर विद्यार्थी सर्टिफिकेट लेकर तथा 2 वर्ष पूरा कर डिप्लोमा प्राप्त कर सकता है। इससे विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के कैरियर में गैप ईयर नहीं होगा।

कालेज में विभिन्न वोकेशनल कोर्सों का भी संचालन

मेरठ कालेज में एनीईपी के तहत विभिन्न वोकेशनल कोर्सेज का संचालन किया जा रहा है, जिसमें प्रमुख रूप से -मशरूम कल्टीवेशन, ऑर्गेनिक फार्मिंग टेक्नोलॉजी, बेसिक क्लिनिकल टेक्निक्स, सोयल हेल्थ एसेसमेंट, सोयल प्लांट एंड वॉटर एनालिसिस, एग्रीकल्चर वेस्ट मैनेजमेंट, प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी फॉर बायोकॉन्ट्रोल एजेंट, बायो फर्टिलाइजर, फूड प्रोसेसिंग, फूड टेस्टिंग, कंप्यूटर एप्लीकेशन एंड बायो इनफॉर्मेटिक्स आदि है। स्टार कॉलेज स्कीम के तहत स्थापित की गई इंटर डिसीप्लिनरी लैब में इन सभी स्किल बेस्ड वोकेशनल कोर्स के लिए सभी उपकरण व केमिकल इत्यादि उपलब्ध है। मेरठ कॉलेज के बीएससी तथा एमएससी बॉटनी के छात्र-छात्रा विभिन्न रिसर्च प्रोजेक्ट में काम करते हुए रिसर्च आर्टिकल लिखने की ट्रेनिंग भी प्राप्त कर रहे हैं। अपने एक्सपेरिमेंट को डॉक्यूमेंट कर रिसर्च आर्टिकल की तरह पब्लिश कराने का भी प्रयास कर रहे हैं। इससे उन्हें यूरोप व अमेरिका के उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए स्टेटमेंट ऑफ परपज लिखने में सुविधा होगी।

इन्‍होंने कहा

मेरठ कालेज इस सत्र से प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए नई शिक्षा नीति के अंतर्गत अधिक से अधिक सुविधा देने के लिए कृत संकल्प है। डीबीटी स्टार कालेज स्कीम की फंडिंग से महाविद्यालय छात्र-छात्राओं को आधुनिकतम प्रयोगशाला एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा पा रहा है।

प्राचार्य डॉ युद्धवीर सिंह

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