Young Achievers: कुश्ती में कमाल कर रहे मेरठ में हस्तिनापुर के संदीप पोसवाल

हस्तिनापुर के रानी नगला निवासी संदीप पोसवाल उत्तर प्रदेश रुस्तम के खिताब से नवाजे जा चुके हैं। साल 2015 में उन्हें यह खिताब कुशीनगर में आयोजित सीनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में मिला था। प्रदेश स्तर पर दमदार प्रदर्शन करने वाले संदीप राष्ट्रीय स्तर की तैयारियों में जुटे हुए हैं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 20 Jan 2021 11:22 AM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 11:22 AM (IST)
Young Achievers: कुश्ती में कमाल कर रहे मेरठ में हस्तिनापुर के संदीप पोसवाल
मेरठ ज‍िले के पहलवान संदीप पोसवाल ।

मेरठ, जेएनएन। जीवन के साथ ही प्रतियोगिताओं में भी हर बार उठ खड़े होकर फिर दांव लगाने का नाम ही दंगल है। कुश्ती के खेल में जज्बा कम हो जाए तो खेल शुरू होने से पहले ही बिगड़ जाता है। इसीलिए मेरठ के पहलवान संदीप पोसवाल हर बार चोट खाने के बाद भी उठ खड़े होते हैं और अगला दांव लगाने को तैयार हो जाते हैं। मेरठ जिले में हस्तिनापुर के रानी नगला निवासी संदीप पोसवाल उत्तर प्रदेश रुस्तम के खिताब से नवाजे जा चुके हैं। साल 2015 में उन्हें यह खिताब कुशीनगर में आयोजित सीनियर रेसलिंग चैंपियनशिप में मिला था। प्रदेश स्तर पर दमदार प्रदर्शन करने वाले संदीप राष्ट्रीय स्तर की तैयारियों में जुटे हुए हैं। पिछले कुछ राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में वह चोट के कारण प्रदर्शन नहीं कर सके लेकिन इस बार वह पूरा जोर लगाने को तैयार हैं।

2008 में शुरू हुआ कुश्ती में दांव लगाने का खेल

हस्तिनापुर के रानी नगला गांव के रहने वाले संदीप किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। छोटी उम्र से ही उन्हें खान-पान का बेहद शौक रहा है। खुद तगड़ा बनने के शौकीन थे और पहलवानों को मिल रही इज्जत को देखते हुए उन्होंने भी कुश्ती में दांव लगाना शुरू कर दिया। साल 2008 में गांव में ही कुश्ती सीखने व खेलने लगे। साल 2010 में वह चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में संचालित कुश्ती हॉल में कोच डॉक्टर जबर सिंह सोम के मार्गदर्शन में कुश्ती का प्रशिक्षण देना शुरू किया। साल 2011 में ही प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में खेले और स्वर्ण पदक के साथ अपने सफर की शुरुआत की। प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में उसके बाद से हर बार उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम किया और नेशनल प्रतियोगिताओं में प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। खेलकूद के दौरान संदीप काफी चोटिल भी होते रहे। इसका खामियाजा उन्हें प्रतियोगिताओं में खराब प्रदर्शन से भी उठाना पड़ा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और हर बार प्रतियोगिता में अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने की कोशिश की। संदीप पोसवाल सुपर हेवी भार वर्ग यानी 125 किलोग्राम भार वर्ग में कुश्ती खेलते हैं।

प्रदेश में मिला सोना

संदीप ओसवाल ने प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी गोल्ड मेडल जीते हैं। साल 2011 व 12 और 13 में स्वर्ण पदक के साथ नेशनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। 2013 में नंदिनी नगर में सब जूनियर यूपी स्टेट रेसलिंग चैंपियनशिप में प्रथम रहे। उसके बाद 2014 दिसंबर में जूनियर यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहे और रजत पदक जीता। प्रतियोगिता किला परीक्षितगढ़ में हुई थी। 2015 नवंबर में भी श्याल में आयोजित सीनियर यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में दूसरे स्थान पर रहे। 2014 में नवंबर में गोरखपुर में आयोजित सीनियर यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में तीसरे स्थान पर रहे। अक्टूबर 2018 गोरखपुर में यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में प्रथम स्थान पर रहते हुए गोल्ड मेडल जीता। इसी तरह नवंबर 2018 में गोरखपुर में ही हुई सीनियर यूपी रेसलिंग चैंपियनशिप में भी प्रथम रहे। सितंबर 2018 वाराणसी में हुई अंडर-23 रेसलिंग चैंपियनशिप में भी संदीप स्वर्ण पदक जीत कर आए।

नेशनल में कम लगा दम, इस बार लगाएंगे पूरा जोर

संदीप ओसवाल की किस्मत ने नेशनल प्रतियोगिता में बहुत ज्यादा साथ अब तक नहीं दिया है लेकिन उन्होंने हिम्मत हारने की बजाय प्रतियोगिताओं के लिए तैयारी करना जारी रखा। प्रवेश स्तर पर गोल्ड मेडल जीतने के बाद 2011 में कन्याकुमारी, 2012 में हिमाचल प्रदेश में सब जूनियर में हिस्सा लिया। प्रतियोगिताओं के दौरान भी चोटिल होने के कारण पदक नहीं जीत पाए। यह सिलसिला लगभग हर साल ही उनके साथ रहा। 2016 में सीनियर नेशनल में नंदिनी नगर में हिस्सा लिया, 2017 नवंबर में ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी रेसलिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। यह प्रतियोगिता रोहतक में हुई थी। वहीं सितंबर 2018 में अंडर 23 नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप राजस्थान और सीनियर नेशनल रेसलिंग चैंपियनशिप नंदिनी नगर में प्रतिभाग किया। वर्तमान में संदीप 2021 के नेशनल की तैयारी कर रहे हैं। ट्रेनिंग के दौरान ही कमर में चोट के कारण वह 23 जनवरी को होने जा रही है सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। अब उनका ध्यान 2021 की नेशनल प्रतियोगिता पर है जिसमें वह पदक जीतकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।

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