CCSU News: जुलाई से चौधरी चरण सिंह विवि में लागू होगा नई शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम, बिंदुआर जानें...

चौ. चरण सिंह विवि सहित प्रदेश के सभी विवि में 2021-22 के सत्र में जुलाई में नई शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम लागू होगा। इस बाबत प्रदेश सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार न्यूनतम समान पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Wed, 21 Apr 2021 01:03 PM (IST) Updated:Wed, 21 Apr 2021 01:03 PM (IST)
CCSU News: जुलाई से चौधरी चरण सिंह विवि में लागू होगा नई शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम, बिंदुआर जानें...
जुलाई से लागू होगी नई शिक्षा नीति के पाठ्यक्रम।

मेरठ, जेएनएन।Meerut CCSU News : चौ. चरण सिंह विवि सहित प्रदेश के सभी विवि में 2021-22 के सत्र में जुलाई में नई शिक्षा नीति का पाठ्यक्रम लागू होगा। इस बाबत प्रदेश सरकार की ओर से नई शिक्षा नीति के अनुरूप तैयार न्यूनतम समान पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। प्रदेश के सभी विवि में 70 फीसद पाठ्यक्रम समान होगा। वहीं 30 फीसद पाठ्यक्रम विवि अपनी जरूरतों के अनुरूप लागू करेंगे। न्यूनतम पाठ्यक्रम में कोई संशोधन नहीं होगा। इन विषयों के पाठ्यक्रम हैं समान : पहले चरण में स्नातक स्तर पर कला एवं मानवीकि में 16 विषय, भाषा में चार विषय, विज्ञान में नौ विषय, बीकाम, बीएड, बीबीए, बीएलआइएस और अनिवार्य को-करीकुलर में छह विषयों के न्यूनतम समान पाठ्यक्रम http://4uphed.gov.in/page/council/en/nep-2020 पर अपलोड कर दी गई है। विवि को 15 मई तक न्यूनतम पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए विवि की बोर्ड आफ स्टडीज में जरूरी संशोधन कर इसी सत्र से पाठ्यक्रम को लागू करना है।

विषय चुनाव व प्रवेश प्रक्रिया पहले छात्र विवि या कालेज में संकाय का चुनाव करेंगे। विवि व कालेज उपलब्ध सीट व नियमों के आधार पर छात्र को प्रवेश देंगे। छात्र तीन प्रमुख विषय चुनेंगे। जिनमें दो मुख्य विषय चुने हुए संकाय से लेना अनिवार्य होगा। तीसरा मुख्य विषय छात्र अपने संकाय या दूसरे संकाय से ले सकते हैं। छात्र को प्रथम चार सेमेस्टर के लिए एक माइनर विषय किसी दूसरे संकाय से लेना अनिवार्य होगा। उपलब्ध सीटों के आधार पर माइनर विषय आवंटित होंगे। हर छात्र को प्रथम चार सेमेस्टर तक हर सेमेस्टर में एक रोजगार परक पाठ्यक्रम लेना अनिवार्य होगा।

पाठ्यक्रम में प्रवेश, निकास और पुन: प्रवेश

छात्र को एक वर्ष-दो सेमेस्टर पूरा करने पर सर्टिफिकेट के साथ निकास और दो वर्ष-चार सेमेस्टर पूरा करने पर डिप्लोमा के साथ निकास सुविधा होगी। छात्र को तीन वर्ष यानी छह सेमेस्टर पूरा करने पर डिग्री मिलेगी। छात्र निकास के बाद अगले स्तर पर पुन: प्रवेश ले सकेंगे। जरूरत के आधार पर छात्र को द्वितीय या तृतीय वर्ष में विषय परिवर्तन की सशर्त सुविधा मिलेगी।

डिग्री का संकाय और पूर्ण करने की अवधि

छात्र जिस संकाय से तीन वर्ष में न्यूनतम 60 फीसद क्रेडिट प्राप्त करेंगे, उसी में उनको डिग्री दी जाएगी और उसी के अनुसार स्नातकोत्तर में प्रवेश की सुविधा होगी। यदि छात्र तीन वर्ष में किसी एक संकाय में न्यूनतम 60 फीसद क्रेडिट प्राप्त नहीं कर पाता है, तो उन्हें बैचलर आफ लिबरल एजुकेशन की डिग्री मिलेगी। वह इन विषयों में स्नातकोत्तर कर सकेंगे जिनमें स्नातक स्तर पर किसी विषय के शर्त की आवश्यकता नहीं होगी।

यह होगी परीक्षा व्यवस्था सभी पेपर 100 अंक के होंगे जिनको क्रेडिट और फामरूला के अनुसार परसेंटाइल एवं ग्रेड में साफ्टवेयर से परिवर्तित किया जाएगा। सभी विषय की परीक्षा 25 फीसद सतत आंतरिक मूल्यांकन एवं 75 फीसद वाह्य मूल्यांकन के आधार पर होगी। सभी विषयों की लिखित परीक्षा होगी एवं अनिवार्य को-करिकुलर विषय की परीक्षा बहुविकल्पीय आधार पर होगा।

इस प्रकार होंगे वर्षवार क्रेडिट स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के 46 क्रेडिट होंगे, जिसमें तीन प्रमुख विषय, एक माइनर विषय, दो सह-पाठ्यक्रम एवं दो व्यवसायिक पाठ्यक्रम होंगे। इन्हें उत्तीर्ण करने पर प्रमाण पत्र मिलेगा। द्वितीय वर्ष के 92 क्रेडिट होंगे, जिसमें तीन प्रमुख विषय, एम माइनर विषय, दो सह-पाठ्यक्रम और दो व्यवसायिक पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने पर डिप्लोमा मिलेगा। तृतीय वर्ष के 138 क्रेडिट होंगे जिसमें दो प्रमुख विषय, दो सह-पाठ्यक्रम या एक व्यवसायिक पाठ्यक्रम और एक माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट होगा जिसे उत्तीर्ण करने पर स्नातक डिग्री मिलेगी। चौथे वर्ष के 194 क्रेडिट होंगे, जिसमें एक प्रमुख विषय, एक माइनर विषय और एक प्रमुख अनुसंधान परियोजना होगी जिसे उत्तीर्ण करने पर शोध के साथ स्नातक की डिग्री मिलेगी। पांचवें वर्ष के 246 क्रेडिट होंगे, जिसमें एक प्रमुख विषय, एक माइनर विषय एवं एक प्रमुख अनुसंधान परियोजना शामिल होगी जिसे उत्तीर्ण करने पर पीएचडी की उपाधि मिलेगी। 

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